Allahabad High Court ने यूपी की सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खां की जमानत अर्जी पर सुनवाई की और इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। सपा सांद के जमानत मामले में बीते दो दिनों से बहस चल रही थी।
इस केस में आज़म खान पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2019 में शत्रु संपत्ति पर कब्जा रखा है। इस घटना को लेकर उनके खिलाफ रामपुर में मुकदमा दर्ज हुआ है। आजम खान ने इस मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी।
संपत्ति कब्जे के इस मामले में वसीम रिजवी भी सह अभियुक्त हैं
जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुना। आजम खान की ओर से वरिष्ठ वकील इमरानुल्लाह खान ने पैरवी की। इमरानुल्लाह खान ने कोर्ट को बताया कि इमामुद्दीन कुरैशी वक्फ रामपुर की संपत्ति को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिसमें वसीम रिजवी भी सह अभियुक्त हैं। उनके खिलाफ वक्फ संपत्ति को अवैध रूप से हड़पने का आरोप है। आजम खान के वकील ने आरोपों पर कई सवाल खड़े किए और उन्हें पूरी तरह से निर्दोष बताया।
इमरानुल्लाह खान ने कोर्ट में कहा कि आजम खां को राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है, जिस पर सरकारी अधिवक्ता ने विरोध किया और कोर्ट से जमानत अर्जी अस्वीकार करने की गुजारिश की।
आजम खान के खिलाफ DM रामपुर की अगुवाई में जांच होने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई गई
सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि आजम खान के खिलाफ जिलाधिकारी रामपुर की अगुवाई में जांच होने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उन्होंने वक्फ की भूमि पर कब्जा किया है। इसलिए आजम खान जमानत के हकदार नहीं हैं।
कोर्ट में इस मामले की सुनवाई देर शाम तक चली। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उम्मीद है कि इस मामले में कोर्ट अगले सप्ताह अपना फैसला सुनाएगी।
गौरतलब है कि सपा सांसद को अगर इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिल भी जाती है तब भी वह जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे क्योंकि सीतापुर जेल में बंद सपा सांसद आज़म खान पर कई अन्य मामलों में भी केस चल रहे हैं।
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