MP के गृह मंत्री Narottam Mishra ने कहा, Salman Khurshid की किताब को बैन करेंगे

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MP के गृह मंत्री Narottam Mishra ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार सलमान खुर्शीद की किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्‍या’ पर प्रतिबंध लगाएगी। नरोतत्म मिश्रा ने कहा कि इसके लिए कानूनी विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं।

एक कार्यक्रम में बोलते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “यह बहुत ही निंदनीय पुस्तक इन्होंने (सलमान खुर्शीद) छापी है। हिंदुत्व को खंडित करने का, हिंदू को जाति में बांटने का अवसर यह लोग नहीं छोड़ते हैं। भारत देश को खंडित करने का, भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह-इंशा अल्लाह के नारे लगने के बाद सबसे पहले वहां राहुल गांधी गए थे। उसी विचार को सलमान खुर्शीद आगे बढ़ा रहे हैं। महान भारत नहीं ये बदनाम भारत है। यह कमलनाथ जी ने कहा था, यह उसी का पार्ट है। कैसे भी देश जातियों में बंट जाए। हिंदुत्व के टुकड़े हों और ये हमारी आस्था पर प्रहार करने का कभी कोई अवसर नहीं छोड़ते। जबकि हिंदुत्व के बारे में सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है। उस हिंदुत्व के उपर भी उन्होंने सवाल उठा दिये। अब सेनिया गांधी जी इसे स्पष्ट करें कि वो किसके साथ हैं और मैं लॉ विशेषज्ञों से राय लेकर मध्य प्रदेश में इस किताब को बैन करवाऊंगा।”

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दरअसल सलमान खुर्शीद की किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्‍या’ में ‘द सैफरन स्काई’नाम के अध्याय में नवहिंदुत्व की तुलना इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन आईएसआईएस से की है।

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जिसके बाद से यह किताब विवादों में है। भाजपा इस किताब की घोर आलोचना कर रही है, वहीं कांग्रेस भी इस किताब को लेकर असमंजस की स्थिती में है।

कांग्रेस भी इस किताब को लेकर असहज है

‘सनराइज ओवर अयोध्‍या’ में हिंदुत्व की तुलना जिहादी इस्लाम से करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि भले ही हम हिंदुत्व की विचारधारा को सही नहीं मानते हों लेकिन इसकी तुलना किसी आतंकी संगठन से करना सही नहीं है।

गुलाम नबी आजाद ने कहा, “हम एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में हिंदुत्व से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन ISIS और जिहादी इस्लाम के साथ इसकी तुलना करना तथ्यात्मक रूप से गलत और अतिशयोक्ति है।”

सबसे दिलचस्प बात यह है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और ऐसे में सलमान खुर्शीद की इस किताब का आना एक संयोग मात्र है या फिर इसके पीछे कुछ रहस्य है। जैसे भी हो लेकिन एक बात तो तय है कि यूपी चुनाव 2022 में सलमान खुर्शीद की यह किताब चुनावी मुद्दा बनेगी। भाजपा चुनाव में इस किताब के बहाने कहीं न कहीं कांग्रेस को घेरने की कोशिश जरूर करेगी।

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