Bangladesh News: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर लगातार हमले को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध जताया है। देशभर में हिंदु संगठनों ने हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। दरअसल, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले जिसमें, शिक्षकों की हत्या और महिलाओं के साथ दुष्कर्म शामिल हैं। जुमे की नमाज के बाद घरों में आग लगाया जा रहा है। इसको लेकर हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए चटगांव में एक मार्च निकाला।
जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश के नरेल स्थित सहपारा में भीड़ ने जुमे की नमाज के बाद लोगों के घरों में आग लगा दी थी। वहीं, महिलाओं के साथ बलात्कार और लूटपाट की घटनाओं को भी अंजाम दिया जा रहा है।
Bangladesh News: हिंदू संगठनों ने शांतिपूर्ण तरीके से किया प्रदर्शन
बांग्लादेश की एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, हिंदुओं पर बर्बर कट्टरपंथी हमले के विरोध में देशभर में हिंदू संगठनों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया। इससे पहले, बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां खान ने कहा कि सरकार देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले लोगों के खिलाफ निश्चित तौर पर सख्त कार्रवाई करेगी।
बता दें कि बांग्लादेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस हमले को लेकर गृह मंत्रालय से जांच करने का आदेश दिया है और उन्होंने जवाब मांगा है कि हिंसा को रोकने में क्या और कहां लापरवाही हुई? मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने यह भी कहा कि धर्मनिरपेक्ष देश में हो रही हिंसा को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Bangladesh News: क्या है पूरा मामला?
बता दें कि बांग्लादेश के नरेल के लोहागड़ा स्थित सहपारा में कुछ लोगों ने 15 जुलाई को जुमे की नमाज के बाद हिंदू अल्पसंख्यकों के घरों में आग लगा दी थी। हमले के बाद कहा गया था कि एक 18 वर्षीय व्यक्ति ने फेसबुक पर उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर गांव के 18 वर्षीय कॉलेज के छात्र आकाश साहा ने पोस्ट किया था। इसके बाद प्रदर्शनकारी जुमे की नमाज के बाद इकट्ठा होकर छात्र की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उनके घर के सामने प्रदर्शन करने लगे। भीड़ हिंदू अल्पसंख्यकों के घरों में पहुंच गई और घरों में लूटपाट करके आग लगाकर की।
Bangladesh News: पीड़िता ने पूछा कौन हमें न्याय देगा?
वहीं, इस हिंसा को लेकर एक पीड़िता ने कहा कि हमें पता नहीं है कि यह हिंसा कब तक सताएगा और हमें न्याय कौन देगा? हमें सुरक्षा कौन देगा? पीडिता ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि हो सकता है, हिंसा में मेरी भी जान चली जाती लेकिन, भगवान ने मुझे बचा लिया। लेकिन, क्या यह जिंदा रहने का कोई ठोस तरीका है? उन्होंने कहा कि मेरे पास अब केवल मेरे शरीर पर साड़ी है। वहीं, पुलिस छात्र आकाश साहा के पिता अशोक साहा की स्थिति को काबू में लाने के लिए उन्हें हिरासत में ले लिया है।
संबंधित खबरें..