Mauna Loa: दुनिया का सबसे बड़े सक्रिय ज्वालामुखी हवाई के माउना लोआ 40 साल बाद फटा है। माउना लोआ से 200 फुट ऊंचे लावा के फव्वारे हवा में उड़ते देखे गए। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। जिसमें ज्वालामुखी से ऊंचे-ऊंचे लावा को हवा में उड़ते देखा गया है। ज्वालामुखी से पिघली चट्टानों की नदियां बह रही हैं। यह जानकारी भूविज्ञानियों ने दी है। इस विशाल पहाड़ में अब चार क्रेटर खुल गए हैं, जो पिछले लगभग 40 वर्ष में पहली बार रविवार को फूट पड़े।
Mauna Loa: उफनता दिखा लावा
इस उफनते ज्वालामुखी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें ये लावा मानों समुद्र की लहरों की तरह से उफनता दिख रहा है। विशाल हवाई द्वीप के लगभग आधे हिस्से में फैले इस ज्वालामुखी से भाप और धुएं के विशाल बादल आकाश में उड़ते नजर आ रहे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने सोमवार को जारी अपडेट में बताया कि लावा के सबसे ऊंचे फव्वारे की अनुमानित ऊंचाई 100-200 फुट रही है। हालांकि, ज्यादातर फव्वारे इससे कम ऊंचे रहे। निकलते लावा और उसकी धारा से गैस का एक गुब्बार निकल रहा जो उत्तर-पश्चिमी की ओर उड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक, फिलहाल ज्वालामुखी के नीचे बसे लोगों या उनकी संपत्ति को किसी भी प्रकार का नुकसान होने की संभावना नहीं है। USGS ने मंगलवार को बताया कि सबसे लम्बा और सबसे ऊंचा लावा प्रवाह फिलहाल तीसरी दरार से निकल रहा है।
लावा की यह धारा माउना लोआ वेदर ऑब्जर्वेटरी रोड के आगे निकल गई है और धारा का मुहाना सैडल रोड से लगभग 6 मील की दूरी पर स्थित थी। बताया जा रहा है कि सबसे छोटा दरार जो फूटा उसका फव्वारा 33 फूट ऊंचा उठा।
Mauna Loa: लोगों की दी गई चेतावनी
USGS के मुताबिक, फिलहाल सब कुछ पूर्वोत्तर दरार क्षेत्र में सिमटा हुआ है, लेकिन USGS ने चेतावनी भी दी है कि माउना लोआ गतिशील ज्वालामुखी है इसलिए उसमें पूर्वोत्तर दरार क्षेत्र के साथ-साथ मौजूदा जगहों के नीचे भी अतिरिक्त दरारें खुल सकती हैं और लावा की धारा नीचे की ओर बहना जारी रख सकती है।
USGS ने कहा कि माउना लोआ में दबाव वर्षों से बनता आ रहा था। अब यह धमाका 45 मील दूर पश्चिमी तटीय शहर कोना में भी देखा जा सका होगा। यह लावा फिलहाल आबादी के लिए किसी तरह का खतरा नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि हवाएं ज्वालामुखी गैस और राख को नीचे की ओर ले जा सकती हैं। हवाई अधिकारी ने एहतियात के तौर पर दो शरणस्थल खोल दिए हैं। हालांकि, किसी को भी अभी अपने घरों को खाली करने के लिए नहीं कहा गया है। जबकि पहाड़ की चोटी के इलाके और कई सड़कों को बंद कर दिया गया है।
Mauna Loa: माउना लोआ ज्वालामुखी का इतिहास
माउना लोआ उन ज्वालामुखियों में शामिल है जिससे मिलकर हवाई का बिग आईलैंड बनता है। आकार के हिसाब से माउना लोआ पृथ्वी का सबसे बड़ा ज्वालामुखी है। हवाई द्वीप पर सक्रिय 6 ज्वालामुखियों नें शुमार होने वाला माउना लोआ 1843 के बाद से 33 बार फूट चुका है। ये आखिरी बार 1984 में फूटा था और 22 दिन तक चला था। माउना लोआ के दक्षिण-पूर्वी किनारे पर मौजूद ज्वालामुखी किलाउला 1983 और 2019 के बीच लगभग लगातार फूटता रहा है और वहां भी कई महीनों से एक साधारण विस्फोट जारी है।
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