Google Doodle: आज सर्च इंजन गूगल ने कवयित्री बालामणि अम्मा के 113वें जन्मदिन पर उनको गूगल डूडल बनाकर सम्मानित किया। बालामणि अम्मा एक भारतीय कवयित्री थी जो मलयालम में कविता लिखने के लिए जानी जाती थी। अम्मा ‘मुथस्सी’ और ‘मज़ुविंते’ कथा उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ थीं। उनको पद्म भूषण, सरस्वती सम्मान, साहित्य ‘अकादमी’ पुरस्कार और ‘एज़ुथाचन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह प्रसिद्ध लेखिका कमला दास की माँ थीं।
Google Doodle: बालामणि अम्मा से जुड़ी कुछ बातें…
बालामणि अम्मा का जन्म 19 जुलाई 1909 को ‘चित्तंजूर कुन्हुन्नी’ राजा और ‘नलपत कोचुकुट्टी’ अम्मा के घर नालापत में हुआ था। हालाँकि उन्होंने कोई उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं की, लेकिन उन्हें उनके मामा और कवि नलपत नारायण मेनन की मदद से कवयित्री बनने में मदद मिली। वह ‘नलपथ नारायण’ मेनन और कवि ‘वल्लथोल नारायण’ मेनन से प्रभावित थीं।
बालमणि अम्मा ने 20 से अधिक कविता संग्रह, कई रचनाएँ और अनुवाद प्रकाशित किए हैं। उन्हें कम उम्र में ही कविताएँ लिखने का शौक था और उनकी पहली कविता “कूप्पुकाई” 1930 में प्रकाशित हुई थी।
19 साल की उम्र में, अम्मा ने वीएम नायर से शादी कर ली, जो व्यापक रूप से प्रसारित मलयालम अखबार मातृभूमि के प्रबंध निदेशक और प्रबंध संपादक बने। वह शादी के बाद अपने पति के साथ रहने के लिए कोलकाता चली गईं। जब उनके पहले बच्चे ‘कमला सुरैया’ का जन्म हुआ, तब बालामणि अम्मा 24 वर्ष की थीं।1977 में उनके पति वीएम नायर की मृत्यु हो गई।
कब हुआ बालामणि अम्मा का निधन?
लगभग पाँच वर्षों तक अलजाइमर रोग से जूझने के बाद 95 वर्ष की उम्र में 29 सितंबर 2004 को शाम 4 बजे कोच्चि में उनकी मृत्यु हो गई। अपने पति की मृत्यु के बाद से वे यहाँ अपने बच्चों श्याम सुंदर (पुत्र) और सुलोचना (पुत्री) के साथ रह रही थीं। उनका अंतिम संस्कार कोच्चि में हुआ था।
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