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‘हल्ला बोल’ करने पहुंचे थे Safdar Hashmi, अचानक…, कुछ इस तरह...
Safdar Hashmi: ''नाटक कहां किया गया? इस बात से फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है तो इस बात से कि नाटक को लेकर नजरिया क्या है?
2 जनवरी को ‘हल्ला बोल’ अधूरा छोड़ गए Safdar Hashmi
आज Safdar Hashmi के कत्ल की ताऱीख है। जी हां, साल 1989 में 2 जनवरी के दिन दिल्ली सटे गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके में एक राजनीतिक दल के कुछ उग्र गुंडों के कारण मात्र 32 साल की उम्र में सफ़दर को इस दुनिया से जाना पड़ा।