यूपी और उत्तराखंड में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मेरठ, सहारनपुर, रुड़की और कुशीनगर में मरने वालों की कुल संख्या 82 पहुंच गई है। जिसमें मेरठ में 18, सहारनपुर में 36, रुड़की में 20 और कुशीनगर में 8 लोगों की मौत हुई है। इस मामले में अब तक 46 लोगों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है जिसमें 36 लोगों की मौत शराब की वजह से बताई जा रही है।

वहीं मेरठ में मरने वाले 18 लोग सहारनपुर से लाए गए थे, जिनकी इलाज के दौरान मौत हुई है। सहारनपुर जिले के नागल, गागलहेड़ी और देवबंद थाना क्षेत्र के कई गांव में जहां देर रात शराब पीने से 44 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं जिनका हालत नाजुक बनी हुई है।

यूपी सरकार के मुताबिक जहरीली शराब से मरने वाले ज्यादातर वे लोग हैं जो उत्तराखंड में एक तेरहवीं में शरीक होने गए थे और इन लोगों ने वहीं शराब का सेवन किया। सहारनपुर के अधिकारियों के मुताबिक समारोह में गए लोग वापस आए तो मौत होनी शुरू हुई। प्रशासन की लापरवाही के लिए सरकार ने नागल थाना प्रभारी समेत दस पुलिसकर्मी और आबकारी विभाग के तीन इंस्पेक्टर व दो कांस्टेबर को सस्पेंड कर दिया है।

मीडिया रिपोर्टस के मुतबिक यूपी के मुख्य सचिव और बाद में डीजीपी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दिए कि जहरीली शराब के मामले में पूरे जिले में छापेमारी की जाए। सरकार की तरफ से साफ निर्देश दिए गए हैं कि जिस जिले में लापरवाही होगी वहां के पुलिस कप्तान और जिलाधिकारी को इसका खामियाजा भुगतना होगा।

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