West Bengal की राजनीति में हिंसा आम बात है। अक्सर अलग-अलग पार्टी के समर्थक अपनी विरोधी पार्टी के समर्थक से भिड़ जाते हैं। लेकिन सोमवार को तब हद हो गई जब विधानसभा के अंदर ही बीजेपी और टीएमसी के विधायक एक-दूसरे की कॉलर पकड़ लिए और कपड़े फाड़ने तक की नौबत आ गई।
West Bengal विधानसभा में क्यों भिड़े बीजेपी-टीएमसी
दरअसल विधानसभा में सोमवार को बीजेपी के विधायक बीरभूम में हुई हिंसा के कारण राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की मांग कर रहे थे। जिसके बाद वहां पर जोरदार हंगामा हुआ और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के विधायक एक-दूसरे से भिड़ गए। बता दें कि विधानसभा में हुई हाथापाई की घटना के बाद बीजेपी के पांच विधायकों को निलंबित कर दिया गया है।
घटना के बाद विपक्ष के नेता Suvendu Adhikari के नेतृत्व में भाजपा के लगभग 25 विधायकों ने विधानसभा से वॉक आउट किया। बीजेपी नेता ने दावा किया है कि सदन के अंदर टीएमसी विधायकों द्वारा पार्टी के कई विधायकों को परेशान किया गया है। अधिकारी ने कहा, ”विधायक विधानसभा के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं… टीएमसी के कुछ विधायकों द्वारा चीफ विप मनोज तिग्गा सहित हमारे कम से कम 8-10 विधायकों को पीटा गया क्योंकि हमने मांग की थी कि मुख्यमंत्री कानून और व्यवस्था के मुद्दे को लेकर सदन में एक बयान दें।”
टीएमसी सिविल ड्रेस में कोलकाता पुलिस को विधानसभा के अंदर लाई: Suvendu Adhikari
बीजेपी नेता अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी सिविल ड्रेस में कोलकाता पुलिस कर्मियों को विधानसभा के अंदर लाई थी। उन्होंने आगे यह भी कहा कि रामपुरहाट की घटना अनारुल हुसैन ने टीएमसी विधायकों और पुलिस की जानकारी में की थी। हम आज दोपहर 2 बजे इसके खिलाफ मार्च करेंगे। मैं विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसकी शिकायत करके नियमानुसार कार्रवाई की मांग करूंगा। हमें केंद्र के हस्तक्षेप की जरूरत है।
वहीं घटना को लेकर टीएमसी नेता और राज्य के मंत्री Firhad Hakim ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा विधानसभा में अराजकता पैदा करने के लिए एक नाटक कर रही है। हमारे कुछ विधायक सदन के अंदर घायल हुए हैं। हम भाजपा के आचरण की निंदा करते हैं।
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