Mayor Election Delhi: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 22 फरवरी को दिल्ली मेयर चुनाव कराने की अरविंद केजरीवाल सरकार की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि मनोनीत सदस्य मतदान नहीं कर सकते। दिल्ली के मेयर चुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले को ‘लोकतंत्र की जीत’ बताया था।
अभिषेक मनु सिंहवी ने ऱखा था दिल्ली सरकार का पक्ष
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव जल्द होने चाहिए। शीर्ष अदालत ने साफ-साफ कहा कि मेयर चुनाव के लिए 24 घंटे के भीतर पहली मीटिंग के लिए नोटिस जारी की जाए। दिल्ली सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंहवी ने पक्ष रखते हुए नामिनेटड सदस्यों की भूमिका को बताया। सिंघवी ने अदालत में कहा कि निगम एक्ट के चैप्टर दो में इसकी पूरी प्रक्रिया है। जिसमे कहा गया है कि हर साल पहली बैठक में मेयर का चुनाव होता है। एक पार्षद को डिप्टी मेयर चुना जाता है, जबकि सेक्शन तीन के मुताबिक निगम का स्वरूप बनता है। इसमें निगम पार्षद,25 साल से अधिक आयु के निगम प्रशासन के जानकार 10 लोगों को नामित किया जाता है। इन मनोनीत लोगों को मीटिंग्स में वोटिंग का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव जल्द होने चाहिए।
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