कर्नाटक में आज सिद्धारमैया सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ। 24 विधायकों ने आज मंत्रियों के रूप में शपथ ली। कर्नाटक सरकार में अब 34 मंत्री हो गए हैं। इससे पहले दस लोगों ने 20 मई को शपथ ली थी। विधायक एच के पाटिल, कृष्णा बायरेगौड़ा, एन चेलुवरायस्वामी, के वेंकटेश, एचसी महादेवप्पा, ईश्वर खंड्रे और दिनेश गुंडु राव ने शनिवार को शपथ ली।
सूची में शामिल अन्य लोगों में क्याथासंद्रा एन राजन्ना, शरणबसप्पा दर्शनापुर, शिवानंद पाटिल, रामप्पा बलप्पा तिम्मापुर, एसएस मल्लिकार्जुन, शिवराज संगप्पा तंगदगी, शरणप्रकाश रुद्रप्पा पाटिल, मानकल वैद्य, लक्ष्मी हेब्बलकर, रहीम खान, डी सुधाकर, संतोष लाड, एनएस बोसेराजू, सुरेश बी एस हैं। इसके अलावा मधु बंगारप्पा, एम सी सुधाकर और बी नागेंद्र का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है।
कांग्रेस की सूची में छह लिंगायत और चार वोक्कालिगा के नाम हैं। तीन विधायक अनुसूचित जाति से हैं, दो अनुसूचित जनजाति से और पांच अन्य पिछड़े समुदाय से हैं। दिनेश गुंडू राव के रूप में ब्राह्मणों को भी कैबिनेट में प्रतिनिधित्व मिला है। पुराने मैसूर और कल्याण कर्नाटक क्षेत्र से सात-सात मंत्री, कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र से छह और मध्य कर्नाटक से दो मंत्री हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधायकों को उचित सम्मान देने के साथ-साथ जाति और क्षेत्रवार प्रतिनिधित्व देकर संतुलन बनाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि कैबिनेट में आठ लिंगायत होंगे। इनमें समुदाय के विभिन्न उप-संप्रदायों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। बयान में कहा गया है कि शिवकुमार सहित पांच वोक्कालिगा होंगे। कैबिनेट में अनुसूचित जाति के नौ मंत्री होंगे। सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों पिछले तीन दिनों से दिल्ली में थे और उन्होंने पार्टी नेतृत्व के साथ कई दौर की चर्चा की।
सिद्धारमैया, शिवकुमार और केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला सहित शीर्ष केंद्रीय नेताओं के बीच घंटों के गहन विचार-विमर्श के बाद 24 विधायकों के नाम तय किए गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने सूची को अंतिम रूप दिया। इससे पहले कर्नाटक के दोनों नेताओं ने भी राज्य में सरकार बनने के बाद पहली बार सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।
सूत्रों ने बताया कि संभावित मंत्रियों के नामों को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मतभेद उभरे थे, लेकिन चर्चा के दौरान इन्हें सुलझा लिया गया।