बिहार सरकार में मंत्री समीर महासेठ बोले, “अब राज्य के विकास के लिए बिहार में ही रहना चाहते हैं मजदूर”

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मुंबई, 16 अक्टूबर। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में रोजगार के सिलसिले में आने वाले बिहार के लोगों की संख्या में भारी कमी आई है और 15 लाख से अधिक लोगों ने बिहार में ही रह कर रोजगार करने के लिये रजिस्ट्रेशन कराया है। कोरोना के बाद अपने घर लौटे ज्यादातर लोगों ने अब बिहार में ही रह कर रोजगार शुरू कर दिया है और बहुत ही कम ऐसे हैं जो मुंबई में अपनी आजीविका के लिये वापस लौटे हैं।

मुंबई में इनवेस्टर समिट में शामिल होने आये बिहार के उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट शब्दों में कहा कि कामकाज के लिये बिहार से पहले काफी लोग मुंबई आते थे लेकिन कोरोना महामारी के दौरान बिहार के कामकाजी मजदूर मुंबई से अपने घर-गांव लौट गये लेकिन महामारी खत्म होने के बाद जितने लोग बिहार लौटे थे उतनी संख्या में लोगों के वापस मुंबई जाने का सिलसिला कम हो गया। उनकी संख्या में गिरावट आई है। बिहार सरकार ने रोजगार के लिये जो पोर्टल लॉंच किया है उसमें अब तक 15 लाख 29 हजार लोगों ने खुद को विभिन्न रोजगारों के लिये रजिस्टर किया है और उनकी उम्र 35 वर्ष से कम है।सिर्फ मुंबई ही नहीं देश के अन्य इलाकों से लौटे बिहारियों की वापसी की संख्या में कमी आई है।

श्री महासेठ ने दावा किया कि बिहार वापस लौटे कामकाजी लोग अब वापस अपना घर छोड़ कर नहीं जाना चाहते हैं और उन्होंने बिहार में ही अपना रोजगार शुरू कर दिया है। वे राज्य में ही रह कर रोजगार करना चाहते हैं और दूसरों के लिये रोजगार का सृजन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों के लिये बिहार में ही 40,000 लघु उद्योगों के नये प्रस्ताव आये हैं ताकि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सके।

श्री महासेठ ने कहा कि श्री नीतीश कुमार की सरकार बिहार की छवि को बदलना चाहती है। हम बिहार को उपभोक्ता से उत्पादक की ओर ले जा रहे हैं। हम क्लस्टर डेवलपमेंट पर ज्यादा जोर दे रहे हैं ताकि एरिया वाइज डेवलपमेंट को और बढ़ावा दिया जा सके।

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में हाल ही में जो जातिगत और आर्थिक सर्वे किया गया है उसमें पाया कि बिहार में जनसंख्या बढ़ी है और इनमें से बहुत से लोग हैं जो करोना काल में बिहार वापस आये थे लेकिन लौट कर नहीं गये। बिहार के लोग अब अपने परिवार के साथ ही रह कर जीवन यापन करना चाहते हैं।

मुंबई में चल रहे बिहार निवेश शिखर सम्मेलन में उद्योग विभाग के निदेशक पंकज दीक्षित ने बताया कि ऊर्जा की बढ़ती मांग के साथ बिहार जैव ईंधन (बायो-फ्यूल) में नंबर एक का राज्य बनने का लक्ष्य बना रहा है। बिहार को जैव ईंधन के लिए 33 आवेदन मिले हैं, जिनमें से 17 को मंजूरी दे दी गई है और अभी पांच ने काम करना शुरू कर दिया है। उन्होने कहा कि हम जैव ईंधन खपत के साथ सतत औद्योगिक विकास का लक्ष्य रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार जैव ईंधन नीति को मंजूरी देने वाला पहला राज्य बना है।

बिहार के उद्योग विभाग की इस निवेशक बैठक में बताया गया कि बिहार में निवेश करने वाली कंपनियों को सभी लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की जायेगी। बिहार के उद्योग निदेशक श्री पंकज दीक्षित ने बताया कि मुंबई इन्वेस्टर समिट में 40 से ज्यादा निवेशकों ने बिहार में निवेश में दिलचस्पी दिखाई है जिनमें अरिस्टो, एल्केम, गोदरेज, कामत सहित कई उद्योग समूहों ने बिहार में निवेश करने में रुचि दिखाई है। उन्होंने 13 एवं 14 दिसंबर को राज्य में आयोजित होने वाले ग्लोबल इंवेरेट समिट के लिए कई कंपनियों को आमंत्रित किया है।

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