Ambulance 108 व 102 सेवा को लेकर UP सरकार से Allahabad High Court ने मांगी रिपोर्ट, BMS की याचिका पर हुई सुनवाई

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Allahabad High Court
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Allahabad High Court: देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। हालात को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उत्तर प्रदेश सरकार से एम्बुलेंस 108 व 102 में पर्याप्त संख्या में चालक, कर्मचारियों और उनको दी गई सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। बता दें कि यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने भारतीय मजदूर संघ (Bharatiya Mazdoor Sangh) की जनहित याचिका पर दिया है।

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Ambulance (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

इस मामले में याची का कहना है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में आपातकालीन चिकित्सा परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए लगभग 4,515 एम्बुलेंस वाहन खरीदे थे। इन एम्बुलेंस को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सरकार का सेवा दाता कंपनियों के साथ एक समझौता किया गया था। जिसका उद्देश्य केंद्रीकृत कॉल सेंटर के माध्यम से एम्बुलेंस चलाना है।

27,090 ड्राइवरों और तकनीकी कर्मचारियों की आवश्यकता

बता दें कि याचिका में उच्च न्यायालय से कहा गया था कि कोविड-19 का संक्रमण बढ़ने पर 24 घंटे एम्बुलेंस स्टाफ की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे में प्रतिदिन 102 और 108 एम्बुलेंस चलाने के लिए आठ घंटे की शिफ्ट के हिसाब से लगभग 27,090 ड्राइवरों और तकनीकी कर्मचारियों की आवश्यकता है। जबकि सर्विस प्रोवाइडर कंपनी केवल 6000 ड्राइवर और टेक्नीशियन को ही हायर करती है।

वहीं याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान कई एम्बुलेंस चालक कोरोना संक्रमित हो गए और उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटीन होना पड़ा था। एक बार फिर हालत ठीक नहीं दिखाई दे रहा है। यदि ऐसी स्थिति फिर आती है तो राज्य सरकार को प्रदेश में उचित एम्बुलेंस सेवा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी सुनिश्चित करना चाहिए।

Allahabad High Court: प्रत्येक एम्बुलेंस के लिए तीन ड्राइवर और तीन तकनीकी कर्मचारी की मांग

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याचिका में मांग की गई कि प्रत्येक एम्बुलेंस के लिए कम से कम तीन ड्राइवर और तीन तकनीकी कर्मचारी तथा उनकी आठ घंटे की नियमित शिफ्ट चाहिए क्योंकि आठ घंटे से अधिक की किसी भी शिफ्ट के कारण दुर्घटना आदि का खतरा बढ़ जाएगा। बता दें कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन देश में तेजी से फैल रहा है। ऐसे में याचि की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में विस्तृत जानकारी देने को कहा है।

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