Navratri Kanya Pujan 2023: कब है महाअष्टमी और महानवमी? जानिए कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Navratri Kanya Pujan 2023: शारदीय नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है। गौरतलब है कि अष्टमी और नवमी नवरात्रि के वे पावन दिन हैं...

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Navratri Kanya Pujan 2023
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Navratri Kanya Pujan 2023 | -अल्का जैसवार | नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा किए जाने का विधान है। इस दौरान पूजा-व्रत करने से देवी जगंदबा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। नवरात्रि में कन्या पूजा का भी विशेष महत्व है क्योंकि बिना इसके माता प्रसन्न नहीं होती हैं। बता दें, इस बार 22 अक्टूबर को महाअष्टमी और 23 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी और 24 अक्टूबर 2023 को विजयादशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।

इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से हुई। शारदीय नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है। गौरतलब है कि अष्टमी और नवमी नवरात्रि के वे पावन दिन हैं जिन्हें बेहद खास माना जाता है। नवरात्रि की अष्टमी के दिन मां महागौरी का पूजन किया जाता है और नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। ध्यान रहे कि नवरात्रि का त्योहार कन्या पूजन के बिना अधूरा है। कन्या पूजा में छोटी-छोटी बालिकाओं का पूजन और उन्हें भोजन कराने के बाद ही व्रत-पूजा संपन्न होती है।

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Navratri Kanya Pujan 2023: कन्या पूजन कब करें, अष्टमी या नवमी?

शास्त्रों के अनुसार वैसे तो नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने पर ही कन्या पूजन किया जाता है लेकिन जो लोग अष्टमी पर अपनी कुलदेवी का पूजन करते हैं वह महाष्टमी पर कन्या पूजन कर सकते हैं। नवरात्रि में अष्टमी-नवमी दोनों दिन मुख्य माने जाते हैं।

महाष्टमी कन्या पूजन 2023 मुहूर्त

अश्विन शुक्ल महाष्टमी यानि दुर्गाष्टमी की शुरुआत 21 अक्टूबर 2023 को रात 09.53 मिनट से 22 अक्टूबर 2023 को रात 07.58 मिनट तक रहेगी। कन्या पूजन के लिए सुबह या दोपहर का मुहूर्त शुभ माना जाता है।

-सुबह का मुहूर्त – सुबह 07.51 – सुबह 10.41
-दोपहर का मुहूर्त – दोपहर 01.30 – दोपहर 02.55

महानवमी कन्या पूजा 2023 मुहूर्त

अश्विन शुक्ल महानवमी यानि दुर्गानवमी तिथि 22 अक्टूबर 2023 को रात 07.58 से 23 अक्टूबर 2023 को शाम 05.44 तक रहेगी।
-सुबह का मुहूर्त – सुबह 06.27 – सुबह 07.51
-दोपहर का मुहूर्त – दोपहर 1.30 – दोपहर 02.55

Navratri Kanya Pujan 2023: कन्या पूजन विधि

-नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि पर कन्‍याओं को उनके घर जाकर निमंत्रण दें।
-उस दिन सम्मान पूर्वक 2-10 साल तक की 9 कन्याओं और एक बालक को आमंत्रित करें।
-कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह पर बिठाएं।
-सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से धोएं।
-कन्‍याओं के माथे पर अक्षत, फूल या कुमकुम लगाएं चुनरी ओढ़ाएं।
-फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को भोजन कराएं।
-भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें और उन्हें विदा करें।
-इसके बाद ही आप भोग का प्रसाद खाएं।

कन्या पूजा में क्या खिलाना चाहिए?

खीर: घर पर कोई भी पूजा हो या फिर त्योहार, खीर का बनना तय होता है। वहीं नवरात्रि के कन्या पूजन में भी खीर का भोग काफी विशेष माना जाता है और इसे कन्या पूजन में भी जरूर शामिल करना चाहिए।

हलवा-पूड़ी: कन्या पूजन में कन्याओं को हलवा जरुर परोसें, इसके साथ ही पूड़ी भी परोसें।

काले चने: माता रानी के प्रसाद में काले चने का भोग जरुर लगाएं। काले चने के बिना माता रानी का भोग अधूरा माना जाता है। इसलिए कन्याओं को भी काला चना जरुर परोसें।

कन्या पूजा भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कन्या भोजन में बच्चियों को हलवा, पूड़ी और चना खिलाया जाता है और माता को भोग लगाया जाता है।

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