देखते देखते साल 2017 भी बीत गया। इस साल के दरम्यान कई नए चेहरे लोगों के नजरों में छाए तो कई शख्सियतें कहां खो गई पता भी नहीं चला। लेकिन हमारे बीच कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और टैलेंट के बल पर काफी नाम कमाया और पूरे देश में ही नहीं पूरी दुनिया में एक पहचान बनाई। अब जब 2017 की कोई यादों की किताब बनेगी तो इनका नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा।  इनके किए गए कार्य हमेशा याद किए जाएंगे। 2017 में ये हमें छोड़कर भले ही चले गए हों लेकिन ऐसे लोग हमारे दिल में हमेशा जिंदा रहेंगे। जानिए ऐसे ही  लोगों के बारे में जिनको देश कभी नहीं भूला पाएगा।

  1. ओम पुरी

ओम पुरी हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। इनका जन्म 18 अक्टूबर 1950 में अम्बाला, हरियाणा में हुआ। इन्होने ब्रिटिश तथा अमेरिकी सिनेमा में भी योगदान किया है। ओम पुरी ने अपने फ़िल्मी सफर की शुरुआत मराठी नाटक पर आधारित फ़िल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से की थी। वर्ष 1980 में रिलीज फ़िल्म “आक्रोश” ओम पुरी के सिनेमा करियर की पहली हिट फ़िल्म साबित हुई। डिस्को डांसर (1 9 82) में जिमी के प्रबंधक, अर्ध सत्य (1 9 82) में पुलिस इंस्पेक्टर, अकोस में पीड़ित आदिवासी जैसे कई अपरंपरागत भूमिकाओं में उनके प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की गई थी। जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला। ये पद्मश्री पुरस्कार विजेता भी रहे।

दिल का दौरा पड़ने के कारण 6 जनवरी 2017 को 66 साल की उम्र में इनका निधन हो गया।

  1. तारक मेहता

तारक मेहता एक भारतीय लेखक थे। इनका जन्म दिसम्बर 1929 अहमदाबाद, गुजरात में हुआ था। यह मुख्य ‘दुनिया ने उंधा चश्मा नामक गुजराती भाषा में एक लेख लिखने के कारण जाने जाते हैं। उन्होंने कई प्रकार के हास्य कहानी आदि का गुजराती में अनुवाद किया। इनका साप्ताहिक लेख पहली बार मार्च 1971 में चित्रलेखा नामक एक साप्ताहिक अखबार में आया। इस वर्ष में यह 80 पुस्तकों को प्रकाशित किए। जिसमें 3 पुस्तक उनके दिव्य भास्कर नामक अखबार में छापे जाने वाले लेख पर आधारित थे। 2008 में असित कुमार मोदी ने इस कहानी पर तारक मेहता का उल्टा चश्मा धारावाहिक बनाया, जो सब टीवी पर प्रसारित होता है। 2015 में तारक मेहता को पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त हुआ।

1 मार्च 2017 को 87 की उम्र में तारक मेहता का निधन हुआ।

  1. विनोद खन्ना

विनोद खन्ना का जन्म एक व्यापारिक परिवार में 6 अक्टूबर 1946 को पेशावर ,ब्रितानी भारत (जो विभाजन के बाद पाकिस्तान में गया) में हुआ था। उनका परिवार 1947 में हुए भारत-पाक विभाजन के बाद पेशावर से मुंबई आ गया था।  उन्होंने अपने फ़िल्मी सफर की शुरूआत 1968 में आयी फ़िल्म “मन का मीत” से की जिसमें उन्होंने एक खलनायक का अभिनय किया था। 1999 में उनको फ़िल्मों में उनके 30 वर्ष से भी ज्यादा समय के योगदान के लिए फिल्मफेयर के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। वर्ष1997 और1999 में वे दो बार पंजाब के गुरदासपुर क्षेत्र से भाजपा की ओर से सांसद चुने गए थे। जबकि 2002 में वे संस्कृति और पर्यटन के केन्द्रिय मंत्री भी रहे। इसके बाद सिर्फ 6 माह पश्चात ही उनको अति महत्वपूर्ण विदेश मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री बना दिया गया था।

विनोद खन्ना 27 अप्रैल 2017 को लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित रहने के कारण मुम्बई के एच एन रिलायंस अस्पताल में निधन हो गया।

  1. रीमा लागू

रीमा लागू  का जन्म 21 जून 1958 को हुआ था और 18 मई 2017 को 59 की उम्र में निधन हुआ। उनका नाम पहले गुरिंदर भदभदे था। रीमा एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री थीं। इन्होंने मराठी धारावाहिक “तुजा मजा जामेना” में मुख्य किरदार निभाया था, इसके अलावा हिन्दी धारावाहिक “श्रीमान श्रीमती” और “तू तू मैं मैं” में भी महत्वपूर्ण किरदार निभा चुकी हैं। 1980 में इन्हें “कलयुग” नामक हिन्दी फिल्म में काम मिल गया और इसी से इनकी हिन्दी फिल्मों में भी शुरुआत हुई। इन्हें कई हिन्दी फिल्मों में माँ के किरदार निभाने के कारण जाना जाता है, जिसमें मैंने प्यार किया, आशिक़ी, साजन, हम आपके हैं कौन, वास्तव, कुछ कुछ होता है, कल हो ना हो और हम साथ साथ हैं आदि फ़िल्में शामिल हैं।

पेट दर्द की शिकायत करने के बाद,रीमा लागू को 18 मई 2017 को मुंबई में कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिल का दौरा पड़ने से 3:15 बजे उनका निधन हो गया।

  1. अनिल माधव दवे

अनिल माधव दवे का जन्म 6 जुलाई 1956 उज्जैन (बड़नगर) में हुआ।  अनिल दवे मध्य प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य तथा भारत सरकार में पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री थे। दवे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुए और खुद को के “स्वयंसेवक” बताया।

अनिल माधव दवे का असमय ही 18 मई 2017 को उनका निधन हो गया। इनके निधन को प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी व्यक्तिगत क्षति बताया।

  1. गिरिजा देवी

girija-deviगिरिजा देवी का जन्म, 8 मई 1929 को, वाराणसी  में हुआ था। उनके पिता हारमोनियम बजाया करते थे, उन्होंने गिरिजा देवी जी को संगीत सिखाया। गिरिजा देवी सेनिया और बनारस घरानों की एक प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायिका थीं। वे शास्त्रीय और उप-शास्त्रीय संगीत का गायन करतीं थीं। ठुमरी गायन को परिष्कृत करने तथा इसे लोकप्रिय बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान है। गिरिजा देवी को सन 2016 में पद्म विभूषण और 1989 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

24 अक्टूबर 2017 को 88 वर्ष की उम्र में इनका कोलकाता में निधन हो गया।

  1. अर्जन सिंह

अर्जनसिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को पंजाब के लायलपुर में ब्रिटिश भारत जो अब फैसलाबाद,पाकिस्तान के एक प्रतिष्ठित सैन्य परिवार हुआ था। पद्म विभूषण अर्जन सिंह भारतीय वायु सेना के मार्शल एकमात्र अधिकारी थे जिन्हें पांच सितारा स्तर पर पदोन्नत किया गया था। ये भारतीय वायुसेना में प्रमुख पद पर 1964-69 तक आसीन रहे। 1965 के भारत पाक युद्ध के समय वायु सेना की कमान को सफलतापूर्वक संभालने के लिए इन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया और 1966 में एयर चीफ़ मार्शल पद पर पदोन्नत किया गया।1989 से 1990 तक ये दिल्ली के उपराज्यपाल पद पर रहे। 2002 में भारतीय वायु सेना के मार्शल के पद पर आसीन किया गया। ये पहला अवसर था कि जब भारतीय वायु सेना का कोई अधिकारी पांच सितारा स्तर पर पहुंचा हो।

16 सितंबर 2017 को 98 वर्ष की आयु में इनका निधन हुआ।

  1. टॉम ऑल्टर

टॉम ऑल्टर के पिता ने भारत विभाजन के बाद भारत में ही रहने का फैसला किया था।  इनका जन्म 22 जून

1950 को मसूरी, उत्तराखंड में हुआ था। कहते हैं टॉम अल्टर को राजेश खन्ना की फिल्म आराधना इतनी पसंद आई कि वह फिल्मों में ही अपना करियर बनाने की सोचने लगे। उसके लिए उन्होंने बाकायदा प्रशिक्षण लिया और फिर फिल्मों में बहुत नाम कमाया।  टॉम ऑल्टर हिन्दी फ़िल्मों और रंग-मंच के अभिनेता थे। 2008 में उन्हें  भारत सरकार द्वारा पद्म श्री सम्मान प्रदान किया गया था।

टॉम ऑल्टर का निधन 29 सितंबर 2017 को कैंसर की वजह से हुआ।

  1. शशि कपूर

shashi-kapoorशशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था। इनका जन्म 18 मार्च, 1938 को जाने माने अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के घर पर हुआ। शशि कपूर हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। शशि कपूर हिन्दी फ़िल्मों में लोकप्रिय कपूर परिवार के सदस्य थे। वर्ष 2011 में उनको भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष 2015 में उनको दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर परिवार के तीसरे सदस्य बन गये। अमिताभ बच्चन के साथ आई उनकी फ़िल्मो दीवार, कभी – कभी, त्रिशूल, सिलसिला, नमक हलाल, दो और दो पञ्च, शान ने भी उन्हें बहुत लोकप्रियता दिलवाई। 1977 में इन्होने अपनी होम प्रोडक्शन कंपनी ‘फ़िल्मवाला’ लॉन्च की।

4 दिसंबर 2017 को शशि कपूर का मुंबई में निधन हो गया।

  1. 10. नीरज वोरा

नीरज वोरा का जन्म 22 जनवरी 1963 को भुज के एक गुजराती परिवार में हुआ था। नीरज वोरा  एक भारतीय फिल्म निर्देशक, लेखक, अभिनेता और संगीतकार थे। उन्होंने बॉलीवुड में आमिर खान की फिल्म रंगीला के लिए एक लेखक के रूप में अपना काम किया था। 2000 में उनकी पहली निर्देशित फिल्म खिलाड़ी 420 आई थी। बाद में 2006 में उन्होंने “फिर हेरा फेरी” फिल्म की पट्कथा और निर्देशन दोनो किया था। अक्टूबर 2016 में एक मस्तिष्क आघात के कारण वो कोमा में चले गये। कोमा में जाने से पहले वो “हेरा फेरी 3” पर काम कर रहे थे।

साल 2017 जाते जाते नीरज को भी हमसे छीन ले गया। काफी दिनों तक कोमा में रहने के बाद 14 दिसंबर 2017 में उनका निधन हो गया।

 By – Madhu Kumari

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