Social Media: चंडीगढ़ को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद इस हफ्ते और भड़क गया जब केंद्र ने केंद्र शासित प्रदेश में कर्मचारियों के लिए पंजाब सर्विस रूल्स के बजाय सेंट्रल सर्विस रूल्स अधिसूचित जारी किए। केंद्र ने पहले भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में नियुक्तियों के नियमों में बदलाव किया था। भर्तियां अब केवल पंजाब और हरियाणा के बजाय भारत में कहीं से भी की जा सकती हैं। शुक्रवार को पंजाब विधानसभा ने विशेष सत्र में चंडीगढ़ पर राज्य के दावे को दोहराते हुए सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया।
Social Media: पूरा चंडीगढ़ यूट्यूब से डाऊनलोड कर लो
अब पंजाब सरकार के इस दावे के बाद से सोशल मीडिया पर मीम की बाढ़ आ गई है। कुमार विश्वास के पैरोडी अकाउंट से एक यूजर्स ने लिखा कि अधिकार क्या मांगना ? पूरा चंडीगढ़ यूट्यूब से डाऊनलोड कर लो, फ्री वाई फाई का पासवर्ड दिल्ली के केजरीवाल से ले लो।
इस पर जवाब देते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि आम आदमी पार्टी ने जिसे उठा के कचरे की तरह बाहर फेंका था उस कचरें में धुंआ अभी तक उठ रहा है।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि भगवंत मान साहब चंडीगढ़ बाद में लेना पहले अमृतसर का हरमंदिर साहिब यूपी को दे दो।
दिपक जैन नाम के यूजर ने लिखा कि जैसे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने के नाम पर दिल्ली वालों का काटा था,अब चंडीगढ़ को पंजाब में मिलाने के नाम पर पंजाब वालो का काटने की तैयारी में लवणासुर। मोदी हमको काम नही करने दे रहा है जी 😂
Social Media: भगवंत मान ने किया चंडीगढ़ पर दावा
चंडीगढ़ के विषय पर भगवंत मान ने कहा है कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत, पंजाब राज्य को हरियाणा राज्य में पुनर्गठित किया गया था, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और पंजाब के कुछ हिस्सों को तत्कालीन केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल प्रदेश को दिया गया था।
तब से, पंजाब राज्य और हरियाणा राज्य के नामांकित व्यक्तियों को कुछ अनुपात में प्रबंधन पदों को देकर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड जैसी सामान्य संपत्ति के प्रशासन में एक संतुलन का उल्लेख किया गया था। अपनी कई हालिया कार्रवाइयों के माध्यम से, केंद्र सरकार इस संतुलन को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।
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