राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार (16 दिसंबर) को इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे और यहां उन्होंने न्यायग्राम टाउनशिप की आधारशिला रखी, रिमोट से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसका शिलान्यास किया। देवघाट झलवा में 35 एकड़ में न्याय ग्राम टाउनशिप बनेगी। टाउनशिप में आडिटोरियम, न्यायिक एकेडमी, प्रशासनिक भवन, प्रशिक्षण केन्द्र, पुस्तकालय के साथ जजों के लिए आवासीय भवन, कर्मचारियों के लिए भवन एवं निदेशक आवास का  निर्माण होगा। इसके लिए यूपी सरकार ने 39510.56 लाख रूपये की स्वीकृति दी है, न्याय ग्राम बनने से हाईकोर्ट के विस्तार में मिलेगी मदद। कार्यक्रम में राज्यपाल रामनाईक, सीएम योगी आदित्यनाथ, सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी मौजूद थे।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हाईकोर्ट पहुंचने पर सेना के बैण्ड की धुन पर राष्ट्रगान हुआ, राष्ट्रपति ने पत्नी सविता कोविंद के साथ  दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

कार्यक्रम में अपने संबोधन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि,इलाहाबाद हाईकोर्ट का गौरवशाली इतिहास रहा है,बार और बेंच ने यहां की परंपरा को आगे बढ़ाया है,उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता हमारे लोकतंत्र का आधार है, न्यायपालिका ही गरीबों का सहारा होती है,सभी को समय से और कम खर्च में न्याय मिले, न्याय मिलने में देरी भी एक तरह से अन्याय है, महिलाओं और गरीबों को त्वरित न्याय मिले, उन्होंने ने देश में तीन करोड़ लंबित मामलों को जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अच्छा काम किया है। राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि स्थानीय भाषा में मुकदमे की सुनवाई हो तो लोगों को आसानी होगी उन्होंने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हिंदी में आदेशों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराना शुरु किया है। विजय दिवस के मौके पर न्याय ग्राम टाउनशिप के शिलान्यास को राष्ट्रपति ने शहीद सैनिकों को समर्पित किया ।

यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि  न्याय ग्राम का काम तय समय में हो जाना चाहिए इसके लिए उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या से कमेटी गठन की बात कही ताकि निर्माण कार्यों की हर माह मानीटरिंग हो, हाईकोर्ट में जजों की संख्या पर राज्यपाल ने कहा कि जजों के नाम का प्रस्ताव आने पर तत्काल राष्ट्रपति को भेजूंगा। राज्यपाल ने ऐसा तन्त्र विकसित करने की बत कही जिसमें लोगों को कम खर्च में न्याय मिले।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी बी भोसले ने कहा कि भारतीय जनमानस का न्याय प्रक्रिया में गहरा विश्वास है,। हाईकोर्ट ने लंबित मुकदमों को निपटाने के लिए कई कदम उठाये, छुट्टियों और शनिवार को काम कर छह माह में 15 हजार मुकदमें निपटाये गए। 15 हजार वकीलों को एसएमएस से मुकदमों की जानकारी दी जा रही है, और सभी जिला जेलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से जोड़ने का प्रयास हो रहा है। चीफ जस्टिस डी बी भोसले  ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट विश्व का सबसे बड़ा न्यायिक परिवार है ।

इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि किसी भी संस्थान की लोकप्रियता उसके संचालन के लोगों से पता चलती है,लोगों को न्याय दिलाने में न्यायिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है,न्यायिक अकादमी से जजों को नयी कानूनी जानकारी मिलती है,भारतीय समाज प्रगतिशील समाज है,न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण को नजरन्दाज नहीं किया जा सकता,बदल रही प्रौद्योगिकी ने न्यायिक प्रक्रिया में कई बदलाव किए हैं, न्यायिक सेवाओं में सुधार के लिए विशेष प्रशिक्षण की जरुरत है, लेकिन इसे न्यायिक अधिकारियों द्वारा ही चलाया जाना चाहिए, न्यायालयों को विधि के मानकों का पालन करते हुए लोगों को न्याय दिलाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आर के अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरा है,भारतीय न्याय प्रणाली नई चुनौतियों का सामना कर रही है, अधीनस्थ न्यायालयों के जजों के प्रशिक्षण की जरुरत आ पड़ी है,लंबित मुकदमे न्यायालयों के लिए बड़ी चुनौती है,न्याय पालिका की गुणवत्ता ही लोगों के विश्वास का आधार है।

कार्यक्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का ने कहा कि त्रिवेणी संगम का हम सबके लिए अनेक कारणों से महत्व है,भगवान राम वन गमन और 14 वर्षों के वनवास के बाब प्रयाग आये थे,न्याय ग्राम टाउनशिप की आधारशिला हम सब के लिए प्रफुल्लित करने का पल है, शनिवार न्याय देवता का दिन होता है, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की गौरवशाली परम्परा रही है, यहां के जजों ने कई ऐसे फैसले दिए जो मील का पत्थर साबित हुए, न्याय प्रक्रिया सरल और त्वरित हो तो लोगों को लाभ मिल सकता है, लोगों को सस्ता सुलभ न्याय दिलाने के लिए सरकार तत्पर है,अगली बार हाईकोर्ट का कार्यक्रम स्थायी ऑडीटोरियम में होगा, समयबद्ध तरीके से न्याय ग्राम टाउनशिप का काम पूरा होगा।

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