Supreme Court:वरिष्ठ वकील शेखर नाफड़े ने CJI से कहा कि यह मामाल परिसीमन से जुड़ा हुआ है। वहां परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। लिहाजा इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई की जाए।दरअसल संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने, जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने, राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लंबित है।
CJI ने कहा कि धारा 370 से जुड़े मामले पर संविधान पीठ सुनवाई करेगा।फिलहाल जजों और बेंच की उपलब्धता की समस्या है। इसलिए हम छुट्टियों के बाद मामले की सुनवाई करेंगे।

Supreme Court: परिसीमन को लेकर दायर की गई है याचिका

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर मसला उठाया गया है। केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटें 83 से बढ़ाकर 90 करने के फैसले को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के खिलाफ बताया गया है।
याचिका में कहा गया है कि संविधान का अनुच्छेद 170 के मुताबिक देश में अगला परिसीमन वर्ष 2026 में होना है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग का गठन करना असंवैधानिक है।याचिकाकर्ता हाजी अब्दुल गनी खान और डॉ मोहम्मद अयूब मटटू दोनों ही जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं। उन्होंने दलील दी है कि परिसीमन आयोग का गठन
कानूनी सीमा के परे है।
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