Supreme Court ने राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की जयपुर शाखा को आदेश का अवमानना नोटिस जारी किया है। नोटिस बार के अध्यक्ष, सचिव और पदाधिकारियों के खिलाफ दिया गया है। जिसमें पूछा गया है कि आप लोगों के खिलाफ क्यों न अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए?
देश की सर्वोच्च अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से नोटिस बार एसोसिएशन तक पहुंचाया है। कोर्ट के नोटिस पर जवाब दाखिल करने के लिए बार एसोसिएशन को 25 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। जिसके बाद इस मामले में आगे सुनवाई की जाएगी।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा की अदालतों के कार्य बहिष्कार और वकीलों के हड़ताल पर दिए फैसलों के बावजूद राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन 27 सितंबर को हड़ताल पर चला गया। जो सीधे-सीधे हमारे आदेश की अवमानना है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पड़ी डांट
वहीं मामले में सुनवाई के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि बार कांउसिल ऑफ इंडिया ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की जयपुर इकाई को कोर्ट बहिष्कार पर नोटिस जारी किया है। हालांकि वकील मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि यह बहिष्कार सिर्फ एक कोर्ट का कार्य बहिष्कार था।
जिस पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले एक ही कोर्ट का बहिष्कार क्यों न किया गया हो यह भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
जब एक कोर्ट का बहिष्कार करते हैं तो उससे भी कोर्ट की स्वतंत्रता पर असर पड़ता है। इसकी वजह से उस विशेष जज पर भी दबाव पड़ता है। जिसकी अदालत का बहिष्कार बार एसोसिएशन द्वारा किया गया है। इसकी वजह से भी न्यायपालिका का मनोबल गिर सकता है।