बैंकों को लेकर Supreme Court का अहम फैसला, पक्ष सुने बिना कर्जधारकों के खातों को नहीं घोषित कर सकते ‘फ्रॉड’

Supreme Court: मुख्‍य न्‍यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने तेलंगाना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि लोन लेने वालों के पक्ष को सुना जाना जरूरी है।

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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को लेकर अहम फैसला लिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब तक लोन लेने वालों को सुना ना जाए, उनके खातों को फ्रॉड घोषित नहीं किया जाएगा।CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बिना सुनवाई का अवसर दिए लोन लेने वालों के खिलाफ एक्‍शन नहीं ले सकते। ऐसे खातों को फ्रॉड घोषित करने के वर्गीकरण से गंभीर सिविल परिणाम होते हैं।कोर्ट ने कहा कि एक तरह से लोन लेने वालों कोब्लैक लिस्ट में डालने के समान है।

कोर्ट ने RBI के 2016 के मास्टर सर्कुलर के तहत किसी को धोखाधड़ी घोषित करने से पहले खाताधारक को सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच के आदेश को बरकरार रखते हुए गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया।

Supreme Court:तेलंगाना हाईकोर्ट का फैसला बरकरार

Supreme Court: मुख्‍य न्‍यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने तेलंगाना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि लोन लेने वालों के पक्ष को सुना जाना जरूरी है। उनका पक्ष सुने बिना अगर उनके बैंक खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया जाए तो उनकी सिबिल पर गंभीर असर पड़ेगा।गौरतलब है कि स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर फैसला आया है।ऐसे में कर्जधारक के खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने के फैसले का तार्किक तरीके से पालन होना चाहिए।

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