पटना हाईकोर्ट ने मैट्रिक 2017 की द्वितीय टॉपर रही भाव्या कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार बोर्ड को मैट्रिक और इंटरमीडिएट का रिजल्ट निकलने के बाद सभी दस टॉपरों की उत्तर पुस्तिकाएं वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद 28 पन्नों का आदेश जारी किया है। साथ ही बिहार बोर्ड पर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने दस टॉपरों के मूल्यांकन तथा पुनर्मूल्यांकन के लिए बनायी गई विशेषज्ञ कमेटी के कामकाज पर भी सवाल खड़ा किया है।

हाईकोर्ट ने भाव्या कुमारी की अर्जी को मंजूर करते हुए उसके रिजल्ट में सुधार कर प्रकाशन करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इस केस में तकनीकी आधार उठाने पर भी नाराजगी जताई। साथ ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष को आदेश दिया कि दो सप्ताह के भीतर हिन्दी में एक अंक देकर पुनरीक्षित रिजल्ट प्रकाशित करें।

यही नहीं कोर्ट ने बिहार बोर्ड पर पांच लाख का जुर्माना लगाते हुए जुर्माने की राशि जमुई स्थित सिमुलतल्ला आवासीय विद्यालय को तीन माह के भीतर देने का आदेश दिया है। राशि का उपयोग लाइब्रेरी, कंप्यूटर आदि की खरीद में होगा।

कोर्ट ने आगे कहा कि अपनी गलती छिपाने के लिए बोर्ड किसी भी हद तक जा सकता है। बच्ची की शिकायत सही है। उसे हिन्दी के एक प्रश्न का नंबर नहीं दिया गया है। बच्ची के भविष्य के साथ खिलवाड़ किए जाने पर बोर्ड को अपने सिस्टम पर शर्म आनी चाहिए। 

पटना हाईकोर्ट ने बिहार बोर्ड अध्यक्ष को आदेश जारी करते हुए कहा है कि दो सप्ताह के भीतर हिन्दी में एक अंक देकर सिमुलतला हाईस्कूल की छात्रा भाव्या कुमारी का पुनरीक्षित रिजल्ट जारी करें। एक अंक मिलने के बाद भाव्या को वर्तमान टॉपर प्रेम कुमार के समान 465 अंक हो जाएंगे। भाव्या कुमारी मैट्रिक परीक्षा 2017 की संयुक्त टॉपर होंगी।

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