लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर अब चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या का मुकदमा चलेगा। लखीमपुर की एक अदालत ने आज उनके और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए और कहा कि मुकदमा 16 दिसंबर से शुरू होगा। अदालत का यह कदम मिश्रा की याचिका खारिज करने के एक दिन बाद आया है।
इस घटना में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन कश्यप ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है, उन्होंने कहा, “मैं न्यायपालिका का शुक्रगुज़ार हूं। मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। देरी हुई थी, लेकिन आरोप तय किए गए हैं। मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।”
इस घटना में मारे गए लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मोहम्मद अमान ने कहा, “मुकदमे में देरी हुई है। आरोप तय करने में 9 महीने लग गए और वह भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस बारे में टिप्पणी किए जाने के बाद। किसानों को न्याय की उम्मीद है। मुझे लगता है कि ट्रायल तेजी से होना चाहिए।”
पुलिस की चार्जशीट में आशीष पर हत्या का आरोप लगाया गया है। ऐसा आरोप है कि आशीष उस एसयूवी में सवार था, जिसने 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में एक विरोध मार्च के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल दिया था। घटना के चौंकाने वाले दृश्यों में देखा गया था कि कार तेज गति से प्रदर्शन कर रहे किसानों को टक्कर मार देती है। इसके बाद गुस्साए किसानों ने एसयूवी का पीछा किया और कथित तौर पर चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
बाद में सुप्रीम कोर्ट के दख्ल के बाद आशीष मिश्रा को किसानों की मौत के कुछ दिनों बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए आशीष को फरवरी में जमानत दे दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 18 अप्रैल को आशीष मिश्रा को मिली जमानत रद्द करते हुए उसे एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने को कहा था।