Dussehra Rally: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के गुट की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने के लिए आर्जी दी गई थी। इस अर्जी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को मुंबई के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने पाया कि नगर परिषद के याचिकाकर्ताओं ने आवेदन पर निर्णय लेने में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया। शिवसेना को 2-6 अक्तूबर से तैयारियों के लिए मैदान दिया जाएगा।
Dussehra Rally: 1966 से दशहरा मैदान में हो रही रैली
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान शिवसेना (ठाकरे गुट) की ओर से वकील एसपी चिनॉय ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा, “शिवसेना 1966 से शिवाजी पार्क मे दशहरा रैली का आयोजन करती आयी है। सिर्फ कोरोना काल मे दशहरा मेले का आयोजन नहीं किया गया था। अब कोविड के बाद सारे फेस्टिवल मनाए जा रहे हैं, ऐसे मे इस साल 2022 में शिवसेना की ओर दशहरा मेला आयोजित करने के लिए इजाजत दी जाए।”
Dussehra Rally: इस बहस के दौरान शिंदे गुट की ओर से कहा गया कि एकनाथ शिंदे ही शिवसेना के मुख्य नेता हैं। ठाकरे गुट की ओर से दिए गए सभी फैसले गलत और भ्रामक हैं। वहीं, शिंदे गुट के वकील ने पक्ष रखते हुए कहा, “शिवाजी पार्क एक खेलने का मैदान है, यह साइलेंट जोन में आता है। साल 2016 के GR में कहा गया है कि शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की इजाजत दी गई है लेकिन उसमें यह भी कहा गया है कि अगर कोई लॉ एंड ऑडर की समस्या आती है तो यहां कोई भी मेला आयोजित नहीं किया जाएगा।
Dussehra Rally: समारोह की होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा गया कि पूरे समारोह की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि याचिकाकर्ता की ओर से किसी भी तरह से कानून और व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली स्थिति पैदा करते हैं तो यह भविष्य में उनकी अनुमति को प्रभावित करेगा। साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना को इस आदेश के साथ बीएमसी वार्ड अधिकारी से संपर्क करने और 2016 के GR के अनुसार नए सिरे से अनुमति लेने के लिए कहा है।
Dussehra Rally: बीएसमी ने दी थी दलील
दरअसल, हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले बीएमसी के वकील ने कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि उसमें लिखा है कि न्यायालयों को कानून और व्यवस्था के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और इसे प्रशासन द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए। बीएमसी ने आवेदन खारिज करते हुए कहा था कि यदि किसी एक आवेदक को अनुमति दी जाती है, तो यहां संवेदनशील क्षेत्र में गंभीर कानून व्यवस्था को लेकर समस्या पैदा हो सकती है, इसलिए रैली के आवेदन को खारिज किया गया है।
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