Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईवे थाना क्षेत्र मथुरा की लापता गैंगरेप पीड़िता (Gang Rape Victim) की तलाशी के सभी प्रयास 22 मार्च को पेश करने का निर्देश दिया है। कहा है, कि यदि अपहृत पीड़िता बरामद नहीं की जाती, तो डीएम और एसएसपी (SSP) मथुरा कोर्ट में हाजिर हों। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने पीड़िता की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश दिया।
कोर्ट ने एसएसपी मथुरा द्वारा झूठा हलफनामा दाखिल कर उन्हें कड़ी फटकार लगाई, कहा कि एसएसपी रैंक के अधिकारी से ऐसे आचरण की उम्मीद नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया साफ है कि पुलिस ने कर्तव्य पालन में ढिलाई बरती है। कोर्ट ने एसएसपी को तीन हफ्ते में बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और विवेचना की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। याचिका की सुनवाई 22 मार्च को होगी।
Allahabad HC: दो आरोपी गिरफ्तार
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि तीनों आरोपियों में से दो विजय और राजेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीसरे आरोपी अनिल की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। याची ने मथुरा (Mathura)के एसएसपी गौरव ग्रोवर की ओर से 25 जनवरी 21 को दाखिल हलफनामे को झूठा करार दिया और कहा कि एसएसपी ने लिखा है, कि तीनों आरोपियों का ट्रायल चल रहा है,जबकि सच्चाई यह है कि उन्हें अभी तक गिरफ्तार ही नहीं किया गया है। केवल विष्णु, विशाल और अनिल पर ट्रायल चल रहा है।
एसएसपी ने यह भी कहा कि नामित आरोपी जमानत पर रिहा है, जबकि उनकी गिरफ्तारी ही नहीं की गई है। एसएसपी का कहना था, कि विवेचना अधिकारी की आरोपियों से मिलीभगत की शिकायत की जांच सीओ रिफायनरी ने की है और हलफनामे में रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई।
याची का यह भी कहना है कि अपहृत पीड़िता की ओर से कोर्ट में 9 जुलाई 2019 को बयान दर्ज कराया गया था। उसने आरोपियों पर सामूहिक दुराचार करने का आरोप लगाया था। इस बयान के बाद 17 जुलाई 2019 को उसका अपहरण कर लिया गया। नामजद रिपोर्ट के बावजूद पुलिस आरोपी गिरफ्तार नहीं कर रही और पुलिस ट्रायल में प्रभावी कार्रवाई से बच रही है। कोर्ट ने कहा पुलिस ड्यूटी में कोताही बरत रही है।
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