कोरोना वायरस की दहशत से दुनिया वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा दे रही है। इसके संक्रमण से बचाव के लिए अब न्यायालय ने भी लीक से हट कर नई राह पकड़ ली है। हो यह रहा है कि अब कई मामलों में जज या वकील घर से ही अदालत से जुड़ रहे हैं।
कोरोनावायरस से जुड़े मामलों में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त की गईं सीनियर एडव्होकेट मोनिका कोहली को अब कोर्ट रूम पहुंचने के लिए अपने बेडरूम से बस कुछ कदम ही चलने की जरुरत है। एक मिनट के अंदर ही वे खुद को पांच अन्य वकीलों के साथ वर्चुअल कोर्ट रूम में मौजूद पाती हैं। ये पांचों वकील भी अपने-अपने घरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही कोर्ट की कार्यवाही में हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे में उन्हें अपने ड्रेस में रहने की जरुरत होती है।
कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने खास तैयारी की है। सुप्रीम कोर्ट के अंदर आने वाले वकीलों और क्लर्क की स्क्रीनिंग की जा रही है। लोगों के बॉडी टेंपरेचर की भी जांच की जा रही है और उन्हें सेनेटाइजर दिया जा रहा है। इसके साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के भी जरिए अदालत में बहस की तैयारी की जा रही है।
कोरोना वायरस को लेकर देश भर की अदालतों में व्यस्थता को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंतित है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि निचली अदालतों में हालात बहुत चुनौती भरे और मुश्किल वाले। वहां पर कोरोना को लेकर डर ज्यादा है। हमारा मकसद है कि अदालतें वायरस फैलाने की जगह न बने। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चीफ जस्टिस एसए बोवड़े इस मामले में सभी हाई कोर्ट से संपर्क में है। हमने पहला कदम उठा लिया है, दूसरा कदम डिजिटल और वर्चुअल अदालतों का होगा। सभी वकील, पक्षकार और अदालत आने वाले इसमें सहयोग करें। हमने बड़े मेडिकल एक्सपर्ट से इस मामले में संपर्क किया है। दिल्ली हाईकोर्ट में भी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई शुरु है।