Delhi Riots Case: दिल्ली दंगे नेताओं की अमर्यादित बयानबाजी और लोगों को उकसाने के कारण हुए थे ऐसा आरोप लगाने वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस ने अपना हलफनामा कोर्ट में दाखिल किया है। Delhi High Court में दाखिल हलफनामे में पुलिस ने कोर्ट को बताया कि 2020 में हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की जांच पेशेवर तरीके से की गई है। इसके अलावा दंगों के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने और लोगों की जान-माल की रक्षा के लिए पुलिस ने बिना डर या पक्षपात के सावधानीपूर्वक एवं प्रभावी ढंग से काम किया है।
कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने यह भी बताया है कि दंगों के दौरान कानून का उल्लंघन करने वालों और एजेंसियों द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों की अवहेलना करने वाले उपद्रवियों पर उचित कार्रवाई की गई है। जिसका परिणाम यह हुआ कि इस घटना को सीमित क्षेत्र में ही रोक लिया गया। इतना ही नहीं इस दौरान जो भी मामले दर्ज किए गए उन सभी मामलों की जांच वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में पेशेवर और वैज्ञानिक रूप से की जा रही है।
Delhi Riots Case में दाखिल किए गए हैं 367 आरोप पत्र
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को दंगे से जुड़े मामलों की भी जानकारी दी है। जिसमें बताया गया है कि दंगों को लेकर दर्ज 758 मामलों में से 367 में आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। जबकि 384 में जांच लंबित है। वहीं तीन मामलों को रद्द करने के लिए अदालत में रिपोर्ट दायर की गई है। इसके अलावा चार मामलों को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट 4 फरवरी को इस मामले की अगली सुनवाई करेगा।
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा गया है कि दिल्ली में हुए दंगो से पहले नेताओं ने अमर्यादित बयानबाजी की और लोगों को उकसाया था। जिसके कारण ही यह दंगे हुए।