जल्दी ही आप सिनमा हॉल में अपने साथ खाने का अपना सामान ले जा सकेंगे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह सिनेमा हॉल में बाहर के खाने को ले जाने के मुद्दे पर विचार करके मंजूरी दे। न्यायाधीश आरएम बोर्डे और न्यायाधीश राजेश खेतकर ने यह निर्देश जैनेंद्र बख्शी की जनहित याचिका पर दिया जिसकी पैरवी वकील आदित्य प्रताप कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि थियेटरों में बाहर का खाना और पानी अंदर ले जाने पर कोई सांविधिक या कानूनी रोक नहीं है।

यचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि महाराष्ट्र सिनेमा नियम के तहत थियेटरों और ऑडिटोरियमों के अंदर खाना बेचना और उस बेचने के लिए दर्शकों के पास जाना प्रतिबंधित है लेकिन यह धड़ल्ले से हो रहा है। मामले की सुनवाई के दौरान सिनेमा थियेटर मालिकों की राष्ट्रीय संस्था फिक्की मल्टीप्लेक्स ओनर्स एसोसिएशन ने कहा कि उसे भी इस मामले में अपना पक्ष रखने दिया जाए। एसोसिएशन का कहना है कि याचिका दायर करके जो राहत मांगी गई है उससे इस संस्था के सदस्य मल्टीप्लेक्स मालिक प्रभावित होंगे। राज्य सरकार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर सभी पक्षों के विचार जानने के बाद ही कोई निर्णय लेगी और दो सप्ताह बाद कोर्ट को अपना फैसला बताएगी।

मल्‍टीप्‍लेक्‍सों में मिलने वाली खाने की चीज़ों और पानी की महंगी कीमतों को लेकर सरकार भी कई बार चिंता जता चुकी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दिंसबर 2017 में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि होटल, मॉल, मल्टीप्लेक्स, रेस्तरां में लोग आनंद उठाने के लिए जाते हैं। इन जगहों का माहौल और स्तर यहां के सामान की कीमत तय करता है। ऐसे में यह MRP से ज्यादा कीमत वसूलने का अधिकार रखते हैं। कोर्ट ने सिर्फ पानी की बोतल तक ही मामले को सीमित नहीं रखा उसने कहा कि इस दायरे में पैकेटबंद खाने का सामान जैसे की चिप्स और बिस्किट वगैरह भी आ सकते हैं।

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