CBI Raid On EPFO : ईपीएफओ के 50 से अधिक दफ्तरों पर CBI और विजिलेंस ने क्‍यों की छापेमारी? सामने आए ये कारण…

मिली जानकारी के मुताबिक कई दफ्तरों में कर्मचारियों को छापेमारी समाप्‍त होने के बाद अगले दिन सुबह 5 बजे ऑफिस से निकलने की अनुमति मिल पाई।

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EPFOvsCBI
EPFO vs CBI

CBI Raid On EPFO : कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) के 135 दफ्तरों में से 50 से अधिक दफ्तरों पर सीबीआई और विजिलेंस की टीम ने 12 अप्रैल को एक साथ छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान वहां कार्यरत कर्मचारियों को बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई। मिली जानकारी के मुताबिक कई दफ्तरों में कर्मचारियों को छापेमारी समाप्‍त होने के बाद अगले दिन सुबह 5 बजे ऑफिस से निकलने की अनुमति मिल पाई।

हालांकि ऐसे दफ्तरों की संख्‍या कितनी थी जहां सुबह तक सीबीआई और विजिलेंस की कार्रवाई हुई यह अभी पता नहीं चल पाया है लेकिन जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार अधिकांश दफ्तरों में देर रात तक छापेमारी चलती रही। हालांकि अभी तक ना ही EPFO ने इस संदर्भ में कुछ जानकारी दी है और ना ही सीबीआई की ओर से इस संदर्भ में कुछ बयान आया है।

CBI Raid On EPFO : अनियमितता के लगे आरोप

EPFO से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की टीम ने ईपीएफओ कर्मचारियों के खिलाफ अनियमितताओं की कुछ शिकायतों के बाद महाराष्ट्र के नागपुर शहर में दो ईपीएफओ कार्यालयों पर छापेमारी की। यह छापेमारी देर रात तक जारी रही। EPFO से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि बड़ी संख्या में फाइलों और पीएफ आवेदनों की जांच की गई। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम के तहत 20 या अधिक श्रमिकों वाली फर्मों के लिए सेवानिवृत्ति निधि निकाय ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की सदस्यता लेना अनिवार्य है।

CBI Raid On EPFO : छापेमारी के दौरान पाया गया कि ईपीएफओ के कुछ अधिकारियों ने 40 से 50 कर्मचारियों वाले स्कूलों और निजी कंपनियों को पीएफ दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन ऐसे मामलों में आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा संदेह है कि ऐसी फर्मों के मालिकों ने ईपीएफओ के अधिकारियों को आश्वस्त किया था कि उनकी कंपनियां सिर्फ 18 कर्मचारियों के साथ काम कर रही थीं और मामलों का निपटारा कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि सीबीआई ईपीएफओ कर्मचारियों द्वारा उचित जांच के बिना ऐसी फाइलों को बंद करने के कारणों की जांच कर रहा है। सीबीआई ने ईपीएफओ कर्मचारियों से विभिन्न फाइलों को बंद करने के कारणों के बारे में भी पूछताछ की। सूत्रों ने कहा कि ईपीएफओ के कुछ अधिकारियों को भी आगे की जांच के लिए बुलाया जा सकता है।

CBI Raid On EPFO: ऐसे सवाल पूछे गए

CBI Raid On EPFO Offices
CBI Raid on EPFO Offices

CBI Raid On EPFO : ईपीएफओ अधिकारियों से मिल रही सूचना के मुताबिक लगभग सभी दफ्तरों में सीबीआई और विजिलेंस द्वारा एक तरह के ही सवाल पूछें गए। ऐसा लग रहा था कि एक ट्रेनिंग दी गई थी कि क्‍या-क्‍या सवाल पूछना है और सिर्फ वही पूछा गया। उनमें निम्‍नलिखित सवाल शामिल थें-

  1. एक माह से ऊपर के लंबित पीएफ भुगतान केस कितने हैं और उनका भुगतान अभी तक क्‍यों नहीं हुआ?
  2. निजी कंपनियों/फैक्ट्रियों के चालान सब्मिट केस कितने हैं और उसका क्‍या हो रहा है?
  3. पेंशन निर्धारण या उससे संबंधित मामले कितने हैं और उसका निपटान अभी तक क्‍यों नहीं हुआ?
  4. पीएफ दावा निपटान के कितने मामले अभी लंबित है? इनका तय समय सीमा के बाद अभी तक निपटान क्‍यों नहीं हुआ?

ईपीएफओ अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई और विजिलेंस की टीम ने इसी से संबंधित कागजात को इकट्ठा किया और उन्‍हें अपने साथ ले गए।

EPFO Jammu में भी हुई थी छापेमारी

EPFO Jammu
CBI Raid On EPFO Jammu

CBI Raid On EPFO : बता दें कि इसी वर्ष 14 मार्च को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्‍मू स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कार्यालय में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद छापेमारी की थी। उस दौरान ईपीएफओ से जुड़े अधिकारियों ने कहा था कि सीबीआई की एक टीम ने छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए। अधिकारी का कहना था कि अनियमितताएं हुई है या नहीं ये तो सीबीआई वाले दस्तावेजों की जांच करने के बाद ही बताएंगे। यह छापेमारी चार घंटे तक चली थी।

EPFO में फर्जी भुगतान के बड़े मामले होने की आशंका

EPFO Office
EPFO Office

CBI Raid On EPFO : सीबीआई की छापेमारी को लेकर ईपीएफओ से जुड़े एक अधिकारी का कहना था कि ईपीएफओ का लगभग सारा काम ऑनलाइन कर दिया गया है ऐसे में दावों को निपटाने या पेंशन को लेकर किसी प्रकार की अनियमितता की आशंका काफी कम है फिर भी अगर लोगों की शिकायत होती है तो उसे दूर करने के लिए एक डिपार्टमेंट काम करता है। उनका कहना था कि अब इन शिकायतों को लेकर भी सीबीआई को छापेमारी करनी पड़ रही है तो हो सकता है कि मामला कुछ ज्‍यादा ही बड़ा हो। इसमें फर्जी भुगतान के मामले भी शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि EPFO के इतिहास में अभी तक की यह सबसे बड़ी छापेमारी की कार्रवाई है। अब से पहले इतने बड़े पैमाने पर एक साथ 50 से अधिक दफ्तरों में छापेमारी की कार्रवाई नहीं की गई थी। इस मामले में अभी तक श्रम मंत्रालय की ओर से भी किसी ने कुछ नहीं कहा है। वैसे इस छापेमारी के पीछे क्‍या कारण है पता नहीं चल पाया है। इससे क्‍या हासिल हुआ यह तो सीबीआई द्वारा जारी बयान के बाद ही सामने आ पाएगी।

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