UP Election 2022 में अपने कद के साथ-साथ दूसरे दलों का कद नाप रहे सियासी दल आपस में चुनावी तालमेल बिठाने में लगे हुए हैं। विपक्षी दल सत्ताधारी भाजपा को हराने के लिए हर वो जुगत कर रहे हैं, जिससे यूपी की गद्दी पर उनका कब्जा हो जाए और योगी आदित्यनाथ को सत्ता से बेदखल कर सकें। 5 साल के वनवास के बाद जब फिर से मौका आया है तो विपक्षी दल काफी सोच-समझ कर रणनीति बना रहे हैं।
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी इस समय पूरे जोश-ओ-खरोश में है। उसे उम्मीद है कि इस बार एंटी इनकंबेंसी फैक्टर और एम-वाई समीकरण के सहारे भाजपा के पांच साल के शासनकाल को जनता के बीच कोस-कोस कर वो सत्ता की दहलीज तक जरूर पहुंच जाएंगे।
जयंत चौधरी पहले ही अखिलेश यादव से हाथ मिला चुके हैं
वहीं अन्य विपक्षी दल भी सपा के छाते तले तेजी से लामबंद हो रहे हैं। सबसे पहले राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी अखिलेश यादव के साथ गठबंधन के लिए आगे बढ़े। उसके बाद सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर ने भी सपा की तलवार थामी और चुनावी रणभूमि में कूद गये हैंं। अब ताजा मामला आम आदमी पार्टी का सुनई दे रहा है।

आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लोहिया ट्रस्ट में करीब 30 मिनट बैठकी जमाई। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच यूपी के चुनावी समीकरण और राजनैतिक हालात चर्चा हुई। इसी के साथ इस बात के भी कयास लगाये जा रहे हैं कि दोनों दलों के बीच में यूपी विधानसभा को लेकर औपचारिक गठबंधन भी हो सकता है।
आप और सपा में सीटों का तालमेल बिठाना होगा मुश्किल भरा
हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि सीटों का तालमेल बिठा लेना दोनों दलों के लिए टेड़ी खीर साबित होने वाला है। इस मामले में हलचल होते देख आप नेता संजय सिंह ने एक बयान भी जारी किया है। जिसके मुताबिक उन्होंने कहा, ‘अखिलेश यादव के साथ मुलाक़ात हुई। उत्तर प्रदेश को भाजपा से मुक्त कराने के लिए एक सामान्य मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा हुई। गठबंधन को लेकर बातचीत तय होगी तो जानकारी दी जाएगी। सीटों को लेकर अभी कोई बात नहीं हुई है ‘।
इस मौके पर योगी सरकार पर हमला करते हुए संजय सिंह ने कहा कि भाजपा शासन में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। अखिलेश यादव से मिलकर भाजपा से निपटने की रणनीति पर चर्चा की गई है। अभी सपा से मिलकर चुनाव लड़ने के मुद्दे पर बात नहीं हुई है।
आरएलडी और सपा में भी सीटों को लेकर फंसा है पेंच
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी यूपी चुनाव के लिए जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल के साथ भी गठबंधन कर चुकी है लेकिन अभी तक इसका औपचरिक ऐलान नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि इससे पहले अखिलेश यादव और जयंत सिंह के बीच मंगलवार को गठबंधन घंटों बात हुई। हालांकि दोनों दलों के बीच अभी सीटों के बटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
राष्ट्रीय लोक दल पश्चिमी यूपी के जाटलैंड पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है, लेकिन सपा पश्चिमी यूपी की सारी सीटें लोकदल को देना नहीं चाहता है। समाजवादी पार्टी कहना है कि मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, मेरठ, बुलंदशहर, बिजनौर और मथुरा में जाट उनके भी समर्थन में है। इसलिेए सपा यहां की ज्यादातर सीटों पर खुद भी चुनाव लड़ना आदि जिलों में सपा अपने भी ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार लड़ाना चाह रही है।
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