प्रदूषित हो रहे जल, वायु, आकाश को बचाने की बड़ी आवश्यकता है। ऐसे में समाज को जागरूक करना जरूरी है। केंद्रीय राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह और सीएम त्रिवेंद सिंह रावत ने अपने ताजा कथन में इसी की पहल की है। उन्होंने पर्यावरण और गंगा सफाई के लिए लोगों से अपील की है कि लोग अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के बजाए इकट्ठा करके जमीन में डबा दें और उससे पौंधा उगाएं। बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और राज्य मंत्री जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार डॉक्टर सत्यपाल सिंह ने मंगलवार को ऋषिकुल ऑडिटोरियम, हरिद्वार में 918.94 करोड़ रुपये की 34 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस मौके पर आयोजित समारोह में ही मंत्री ने लोगों को गंगा बचाने के लिए ये सुझाव दिया।

हालांकि उनके इस बयान से कुछ लोग नाराज भी हैं। नाराज लोगों का कहना है कि अस्थियों का गंगा में विसर्जन हिंदू रीति-रिवाज है, जिसे सभी हिंदू अपनाते हैं। हालांकि सत्यपाल ने साथ में ये भी कहा था कि  ‘लोगों की आस्था है लेकिन समय की मांग के चलते जरूरत है कि हम उस दोबारा ध्यान दे और कुछ भी ऐसा न करें जिससे गंगा की शुद्धता पर असर पहुंचे।’

वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि गंगा की निर्मलता एवं अविरलता के लिए प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने जो भगीरथ प्रयास किए हैं, उनके इन प्रयासों को सार्थक करने के लिए सबका सहयोग ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए चिन्तन करने की ज़रूरत है, विचारधारा बदलने की ज़रूरत है। दोनों ही लोगों ने जागरुक लोगों और वहां उपस्थित पुजारियों से भी अपील की कि वो लोगों को गंगा के महत्व के बारे में बताएं और गंगा की सफाई कैसे होगी, इसके बारे में लोगों को जागरुक करें।

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