पश्चिम बंगाल में कुछ युवाओं का एक समूह गोसेवा परिवार के बैनर तले राज्यभर में गाय से होने वाले फायदे और उसे बेचने पर होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक कर रहा है। 2015 में गो रक्षा के लिए ‘सेल्फी विद गोमाता’ नाम से शुरू हुए इस कैंपेन ने 2018 में नया कैंपेन ‘सेल्फी विद गोमाता’ लॉन्च किया है। युवाओं का यह समूह गाय से होने वाले आर्थिक फायदे के बारे में भी लोगों को जागरूक कर रहा है।

गोरक्षा के लिए हिंसा की आलोचना करते हुए इस ग्रुप के ही ललित अग्रवाल हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स से कहते हैं, ‘धार्मिक उपदेशों के आधार पर गोरक्षा अब पुरानी बात हो गई है।

गोरक्षा के लिए हिंसा कोई अच्छा तरीका नहीं है। हम हर किसान तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या समुदाय से हो। हम उन्हें गाय पालने के फायदे बता रहे हैं। हमें उन्हें यह भी समझा रहे हैं कि अगर वे गाय बेचते हैं या उसे कसाईखाने में देते हैं तो उन्हें कितना आर्थिक नुकसान होता है। हम गाय की बिक्री और उन्हें काटे जाने को रोकने केलिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन हमारा रास्ता हिंसा का नहीं है।’

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जानकारी के मुताबिक, सेल्फी विद गोमाता कैंपेन में पिछले साल 10 हजार से ज्यादा एंट्री हुई, जिससे ऐप ही क्रैश कर गया। कॉन्टेस्ट के इन-चार्ज अभिषेक सिंह कहते हैं, ‘इस साल एंट्री वॉट्सऐप, ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक के माध्यम से स्वीकार की जाएगी। कॉन्टेस्ट आयोजित करने का मुक्य उद्देश्य लोगों को गो रक्षा के बारे में जागरूक करने और उसके फायदे के बारे में बताना है।

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