Supreme Court: शिवसेना में बगावत से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। CJI के नेतृत्व वाली एक पीठ एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुटों की दलीलों पर सुनवाई कर रही है। अयोग्यता कार्यवाही, अध्यक्ष का चुनाव, व्हिप की मान्यता, शक्ति परीक्षण आदि मामलों में सुनवाई होनी है।
उद्धव ठाकरे पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा, ‘आप अध्यक्ष को निर्णय लेने से रोक देते हैं, आप नई सरकार के गठन की अनुमति देते हैं। उद्धव ठाकरे की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा, यह व्यवस्था का, लोकतंत्र का, बिना शर्त का मजाक है।
जब CJI ने कहा कि अगर विधानसभा में नेता होने के बावजूद एक सीएम को अपनी पार्टी का विश्वास नहीं है, तो उद्धव ठाकरे की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा, “राजनीतिक दल को फैसला करना होगा। उनका कहना है कि वह हमारे आत्मविश्वास का आनंद नहीं लेते हैं। वह नेता होते हैं, ऐसे ही नहीं बने हैं।”
वहीं शिंदे खेमे की ओर से पेश हुए हरीश साल्वे ने याचिकाओं का जवाब दाखिल करने और अगले सप्ताह इसे पोस्ट करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। शिंदे गुट की ओर से एससी में कहा गया कि आवाज उठाना दलबदल नहीं है।
इस पर सीजेआई ने कहा, ‘समय कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन कुछ मुद्दे महत्वपूर्ण संवैधानिक मुद्दे हैं जिनका समाधान किया जाना चाहिए।” CJI ने कहा, “विभाजन या कोई विभाजन सहित कुछ मुद्दे ऐसे पहलू हैं जिन पर वास्तव में सुनवाई की आवश्यकता है … हमें यह सोचना होगा कि इस मामले को कैसे आगे बढ़ाया जाए।”
Supreme Court: शिवसेना के संसदीय पार्टी में भी सेंध
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में फेरबदल के बाद शिवसेना की संसदीय पार्टी भी मंगलवार को विभाजित हो गई, जिसमें उसके 19 लोकसभा सदस्यों में से 12 ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गए। जिसके बाद दो दो बार के लोकसभा सदस्य राहुल शेवाले को निचले सदन में नेता घोषित किया गया।
शिवसेना के बागी धड़े के नेता राहुल शेवाले ने दावा किया कि उन्होंने ठाकरे की इच्छा के अनुसार भाजपा के साथ गठबंधन किया है, जो खुद पिछले साल जून में इसी तरह के प्रयास कर रहे थे लेकिन बाद में पीछे हट गए। हालांकि, ठाकरे गुट ने इस दावे को खारिज कर दिया।
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