G-23 के नेताओं पर सोनिया गांधी का पलटवार, कहा- मुझसे मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं

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Sonia Gandhi
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कांग्रेस कार्यसमीति की बैठक में G-23 के नेताओं को सोनिया गांधी से कड़ी नसीहत सुननी पड़ा। सोनिया गांधी ने समूह के सदस्यों को सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन परोक्षतौर पर खुब लताड़ा। बैठक में सोनिया गांधी ने स्पष्ट कर दिया कि वह बतौर अध्यक्ष इस बात की तस्दीक करती हैं कि किसी भी नेता को उनसे बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं है।

सोनियां गांधी का खासतौर पर इशारा कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद की तरफ था। कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेता अक्सर मीडिया के सामने भी इस बात को कह चुके हैं कि संगठन के भीतर जल्द से जल्द कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होना चाहिए।

बैठक में खुली चर्चा करने के लिए ही इकट्ठा हुए हैं

वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने कांग्रेस के असंतुष्ट G-23 के नेताओं से कहा, “मैंने हमेशा पारदर्शिता और स्पष्टवादिता की खुलकर सराहना की है। इसलिए मुझसे मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं है। हम आज यहां की बैठक में खुली और ईमानदार चर्चा करने के लिए ही इकट्ठा हुए हैं। लेकिन मैं चाहती हूं कि इस चाहरदीवारी से बाहर जो भी बात जाए वो कार्यसमीति के सामूहिक फैसला तौर पर हो।”

गौरतलब है कि कांग्रेस के भीतर G-23 समूह के वरिष्ठ नेताओं ने कई बार अलग-अलग फोरम पर पार्टी के भीतर संवाद किये जाने की मांग की। यही कारण है कि कांग्रेस आलाकमान ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए कांग्रेस कार्यसमीति की बैठक बुलाई है।

G-23 के नेताओं ने सामूहिक पत्र लिखकर नेतृत्व में बदलाव की मांग की थी

G-23 कांग्रेस के भीतर उन असंतुष्ट नेताओं का समूह है जो कांग्रेस आलाकमान खासकर राहुल गांधी के कार्यप्रणाली से नाखुश हैं। अगस्त 2020 में कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक सामूहिक पत्र लिखकर संगठन और नेतृत्व बदलाव की मांग की थी।

साल 2014 में नरेंद्र मोदी के दिल्ली की सत्ता में उदय होने और कांग्रेस के मनमोहन सिंह की सत्ता के अंत होने के साथ ही कांग्रेस पार्टी का देश में और खासकर उत्तर भारत जनाधार तेजी से गिरता गया। जिसके बाद कांग्रेस ने संगठन में फेरबदल करते हुए पार्टी की कमान राहुल गांधी के हाथों में पकड़ा दी। मगर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस औंधे मुंह गिर पड़ी, जनता ने कांग्रेस को या कहें राहुल गांधी को पूरी तरह से खारिज कर दिया।

सोनिया गांधी के सक्रिय राजनीति से दूर होने के कारण बढ़ा असंतोष

बेहद शर्मनाक हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद को अलविदा कह दिया। जिसके बाद सोनिया गांधी ने फिर से कांग्रेस की कमान संभाली और अंतरिम अध्यक्ष बन गईं। लेकिन चूंकि सोनिया गंधी स्वास्थ्य कारणों से सक्रीय राजनीति से लगभग-लगभग दूर हो गई हैं। कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा।

लोकसभा और फिर विभिन्न विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के भीतर संगठनात्मक बदलाव की मांग की। जिसके बाद अगस्त 2020 में कांग्रेस के शीर्ष 23 नेताओं ने चिट्ठी लिखकर हंगामा खड़ा कर दिया। चिट्ठी लिखने वाले इन्हीं नेताओं को G-23 कहा गया।

G-23 में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के नाम इस प्रकार हैं-

  1. गुलाम नबी आजाद
  2. कपिल सिब्बल
  3. शशि थरूर
  4. मनीष तिवारी
  5. आनंद शर्मा
  6. पीजे कुरियन
  7. रेणुका चौधरी
  8. मिलिंद देवड़ा
  9. मुकुल वासनिक
  10. भूपेंदर सिंह हुड्डा
  11. राजिंदर कौर भट्टल
  12. एम वीरप्पा मोइली
  13. पृथ्वीराज चव्हाण
  14. अजय सिंह
  15. राज बब्बर
  16. अरविंदर सिंह लवली
  17. कौल सिंह ठाकुर
  18. अखिलेश प्रसाद सिंह
  19. कुलदीप शर्मा
  20. योगानंद शास्त्री
  21. संदीप दीक्षित
  22. विवेक तन्खा

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