Presidential Election 2022: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव को ध्यान में रखते हुए रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए विपक्षी नेताओं की 15 जून को बैठक बुलाई है। बैठक नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में होगी। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के अनुसार, बनर्जी ने वाम दलों सहित प्रमुख विपक्षी दलों और देश के सभी गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखा है।
टीएमसी के बयान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव नजदीक है, पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ मजबूत और प्रभावी विरोध के लिए विपक्षी सीएम और नेताओं के साथ बैठक बुलाई हैं। 15 जून (बुधवार) को दोपहर 3 बजे से नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक संयुक्त बैठक होगी।
Presidential Election 2022: इन लोगों को दिया गया है न्योता
बता दें कि ममता बनर्जी ने अरविंद केजरीवाल (मुख्यमंत्री, दिल्ली), पिनाराई विजयन (मुख्यमंत्री, केरल), नवीन पटनायक (मुख्यमंत्री, ओडिशा), चंद्रशेखर राव (मुख्यमंत्री, तेलंगाना),एम के स्टालिन को एक पत्र लिखा है। वहीं उद्धव ठाकरे (मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र), हेमंत सोरेन (मुख्यमंत्री, झारखंड), भगवंत सिंह मान (मुख्यमंत्री, पंजाब), सोनिया गांधी (अध्यक्ष, कांग्रेस), लालू प्रसाद यादव (अध्यक्ष, राजद) ), डी राजा (महासचिव, भाकपा), सीताराम येचुरी (महासचिव, सीपीआईएम)।
अखिलेश यादव (अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी), शरद पवार (अध्यक्ष, राकांपा), जयंत चौधरी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, रालोद), एच डी कुमारस्वामी (पूर्व कर्नाटक के सीएम), एचडी देवेगौड़ा (सांसद, भारत के पूर्व पीएम), फारूक अब्दुल्ला (अध्यक्ष, जेकेएनसी), महबूबा मुफ्ती (अध्यक्ष, पीडीपी), एस सुखबीर सिंह बादल (अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल), पवन चामलिंग (अध्यक्ष, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट) को भी पत्र लिखा है।
यह समय है कि हम अपने प्रतिरोध को मजबूत करें- Mamata Banerjee
पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा, “एक मजबूत लोकतांत्रिक चरित्र वाले राष्ट्र को एक मजबूत और प्रभावी विपक्ष की आवश्यकता होती है। इस देश में सभी प्रगतिशील ताकतों को गठबंधन में रहने और विभाजनकारी ताकत का विरोध करने की जरूरत है जो आज हमें त्रस्त कर रही है। विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों द्वारा विपक्षी नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है,अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब की जा रही है और भीतर कटु मतभेद पैदा किए जा रहे हैं। यह समय है कि हम अपने प्रतिरोध को मजबूत करें।”
उन्होंने आगे लिखा, “राष्ट्रपति चुनाव नजदीक हैं, सभी प्रगतिशील विपक्षी दलों के लिए भारतीय राजनीति के भविष्य पर विचार-विमर्श करने का सही वक्त है। चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विधायकों को हमारे देश के प्रमुख को तय करने में भाग लेने का अवसर देता है जो हमारे लोकतंत्र का संरक्षक है। ऐसे समय में जब हमारा लोकतंत्र संकट के दौर से गुजर रहा है, मेरा मानना है कि वंचित और गैर-प्रतिनिधित्व वाले समुदायों को प्रतिनिधित्व करने के लिए विपक्षी आवाजों का एक उपयोगी संगम की जरूरत है।”
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