Azamgarh का नाम बदलने पर Shabana Azmi ने कहा, पहचान ही दूर कर देंगे तो क्या बचेगा?

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Azamgarh का नाम बदलकर आर्यमगढ़ हो सकता है। बीते 13 नवंबर को गृहमंत्री अमित शाह के साथ आजमगढ़ गौरे पर पहुंचे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात के संकेत दिये थे। जिसके बाद से आजमगढ़ में नाम बदले को लेकर हलचल बढ़ गई है।

आजमगढ़ में स्टेट यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के मौके पर सीएम योगी ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि यह यूनिवर्सिटी सही मायने में ‘आजमगढ़ को आर्यमगढ़’ में बदल देगी। तबी नाम बदलने का कयासबाजी तेज हो गई है।

आजमगढ़ का नाम बदले जाने की संभावना से दुखी हैं शबाना

इसी मामले में अपनी प्रतिक्रिया देती हुई जानीमानी अभिनेत्री शबाना आज़मी की पीड़ा सबके सामने आ गई। उन्होंने कहा कि मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ क्योंकि मेरा नाम आज़मी है और मेरे पिता कैफी आज़मी ने इस जगह का नाम बड़े स्तर पर आगे बढ़ाया है। अगर आप किसी चीज से उसकी पहचान ही दूर कर देंगे तो क्या बचेगा? मेरी सरकार से उम्मीद ये है कि विकास पर काम हो नाम बदलने से क्या होगा? नौजवानों को काम मिलना चाहिए सही मुद्दों पर काम किया जाना चाहिए।

शबाना आजमी के पिता कैफी आज़मी जानेमाने शायर थे और इप्टा के संस्थापक सदस्यों में से थे। इसमें कोई शक नहीं की कैफी आज़मी ने आजमगढ़ को अपने नाम से एक अलग पहचान दिलवाई।

कृषि बिल वापस होने पर शबाना आज़मी ने कहा कि आज बहुत खुशी की बात है किसानों ने बड़ी शिद्दत से इस आंदोलन को आगे बढ़ाया और उन्होंने साबित कर दिया कि लोकतांत्रिक देश में लोगों की आवाज सरकार को सुननी ही पड़ेगी।

शबाना को उम्मीद कृषि बिल की तरह सीसीए और एनआरसी भी होंगे वापस

शबाना आज़मी आजकल आजमगढ़ जिले के अपने पैतृक गांव मेज़वा में हैं। शबाना आज़मी ने कहा कि मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि आंदोलन में जिन किसानों की जान गई है उनके परिजनों को सरकार मुआवजा देगी। शबाना ने कृषि कानूनों की वापसी के बाद उम्मीद जताई की सरकार सीएए और एनआरसी को भी वापस ले लेगी।

हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लोकार्पित किये गये पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर टिप्पणी करते हुए शबाना ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं की पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को अखिलेश यादव ने शुरू कराया था, मगर मौजूदा सरकार ने इसे पूरा कराया है।

शबाना आज़मी ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि पिछली सरकार द्वारा चलाया गया कोई काम अगली सरकारें पूरा नहीं करवातीं और वो काम वैसे ही अधूरे पड़े रहते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का क्रेडिट दोनों सरकारों को मिलना चाहिए और इसके लिये अखिलेश यादव के साथ योगी आदित्यनाथ भी बधाई के पात्र हैं।

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