उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों पर साल 2021 में चुनाव होने वाला है। चुनाव की तैयारियां सभी पार्टियां कर रही हैं। चाहे वो गठजोड़ वाली रणनीति हो या अकेले मैंदान में उतरने की बात हो, पार्टियां अभी से प्लान बनाने में जुट गई हैं। इस बीच यूपी के राजनीतिक गलियारों में गठबंधन की खबरें तेज हैं। खबर है कि बहुजन समाज पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली है। खबरों की रफ्तार देख यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट की बौछार कर दी है। मायावती ट्विटर पर गठबंधन की सच्चाई बता रही हैं।

इन कयासों को झूठा करार देते हुए साफ किया है कि उत्तर प्रदेश और उत्तरांखड के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी अकेले मैदान में उतरेगी। किसी के साथ गठबंधन का कोई सवाल नहीं है।

मायावती ने ट्वीट कर लिखा, “ मीडिया के एक न्यूज चैनल में कल से यह खबर प्रसारित की जा रही है कि यूपी में आगामी विधानसभा आमचुनाव औवेसी की पार्टी AIMIM व बीएसपी मिलकर लड़ेगी। यह खबर पूर्णतः गलत, भ्रामक व तथ्यहीन है। इसमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है तथा बीएसपी इसका जोरदार खण्डन करती है।“

पूर्व मुख्यमंत्री आगे लिखती हैं, “वैसे इस सम्बन्ध में पार्टी द्वारा फिरसे यह स्पष्ट किया जाता है कि पंजाब को छोड़कर, यूपी व उत्तराखण्ड प्रदेश में अगले वर्ष के प्रारंभ में होने वाला विधानसभा का यह आमचुनाव बीएसपी किसी भी पार्टी के साथ कोई भी गठबन्धन करके नहीं लड़ेगी अर्थात् अकेले ही लड़ेगी।”

मायावती ने एक के बाद एक ट्वीट किया अपने तीसरे ट्वीट में वो लिखती हैं, “बीएसपी के बारे में इस किस्म की मनगढ़न्त व भ्रमित करने वाली खबरों को खास ध्यान में रखकर ही अब बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद श्री सतीश चन्द्र मिश्र को बीएसपी मीडिया सेल का राष्ट्रीय कोओर्डिनेटर बना दिया गया है।”

आखिरी ट्वीट में मायावती बता रही हैं, “साथ ही, मीडिया से भी यह अपील है कि वे बहुजन समाज पार्टी व पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष आदि के सम्बन्ध में इस किस्म की भ्रमित करने वाली अन्य कोई भी गलत खबर लिखने, दिखाने व छापने से पहले श्री एस.सी. मिश्र से उस सम्बंध में सही जानकारी जरूर प्राप्त कर लें।”

बता दें कि मायावती ने विधानसभा चुनाव से पहले यूपी और उत्‍तराखंड में संगठन को दुरुस्त करने की कवायद तेज कर दी है। इस वक्‍त वह खुद प्रत्येक मंडल की समीक्षा कर रही हैं। वहीं, मुख्य सेक्टर प्रभारियों को इस महीने के अंत तक बूथ स्तर तक संगठन को दुरस्त करने को कहा गया है, ताकि अगले दो महीनों में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी जाएं।

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