मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को ड्यूटी में अनियमितताओं के चलते सस्पेंड कर दिया गया है। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को परमबीर सिंह और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के बीच हुई मुलाकात की जांच का आदेश दिया था। इन दोनों के बीच यह मुलाकात सोमवार को तब हुई, जब परमबीर चांदीवाल जांच आयोग के सामने पेश हुए थे। परमबीर और वाझे मुंबई में अवैध वसूली के एक मामले में सह-आरोपी हैं।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने कहा कि वाझे इस समय न्यायिक हिरासत में है। नियमों के अनुसार उसे किसी से मिलने की अनुमति नहीं है। मैंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
गृह मंत्री पाटिल ने परमबीर और वाझे की मुलाकात पर जताई आपत्ति
गृह मंत्री ने कहा कि वाझे और परमबीर के बीच इस तरह की मुलाकात बिल्कुल गलत है। वाझे से केवल अदालत की अनुमति के बाद ही मिला जा सकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि परमबीर को वाझे से मिलने के लिए ऐसी कोई अनुमति नहीं मिली हुई है। दोनों के बीच सोमवार को दक्षिण मुंबई की एक इमारत की दूसरी मंजिल में मुलाकात हुई थी। इस इमारत में परमबीर का कार्यालय भी है। वाझे को यहां जिरह के लिए लाया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, परमबीर और वाझे ने 30 मिनट से अधिक समय तक एक-दूसरे से बात की। इस मुलाकात पर देशमुख के वकील ने पैनल के सामने आपत्ति जताई। हंगामा होने पर वाझे को लाने वाले चार पुलिस वालों का बयान सोमवार को ही दर्ज कर लिया गया।
गृह मंत्री ने परमबीर द्वारा सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करने पर भी निराशा जताई। उन्होंने कहा कि परमबीर ड्यूटी पर नहीं हैं और बहुत गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करने की भी जांच कराई जाएगी।
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