Karnataka Syllabus Controversy: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने राज्य में स्कूली सिलेबस से हेडगेवार और वीर सावरकर से जुड़े चैप्टर्स को हटा दिया। इसके बाद से ही बीजेपी लगातार विरोध का तेवर अख्तियार किए हुए है। बता दें, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में राज्य सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा था कि, “सावरकर एक समाज सुधारक और सच्चे देशभक्त थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कर्नाटक के स्कूलों की किताबों से उनके और आरएसएस के फाउंडर केबी हेडगेवार के चैप्टरों को हटाया जा रहा है। इससे ज्यादा दर्दनाक कुछ भी नहीं हो सकता है।” इसके बाद अब कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पलटवार किया है…

Karnataka Syllabus Controversy: क्या बोले कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ?
कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने कहा, हम मानते हैं कि भारत और कर्नाटक के छात्रों को केबी हेडगेवार और वीडी सावरकर की विचारधारा की बजाए भीमराव अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी की विचारधारा के बारे में पढ़ना चाहिए।
गौरव वल्लभ ने ये भी कहा, ‘पीएम मोदी और अमित शाह तो नितिन गडकरी को पसंद नहीं करते हैं इसलिए वो RSS को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उस विचारधारा को कैसे आगे बढ़ाए जिसे लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पांच दिन पहले कहा था कि महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे भारत के सपूत थे। क्या हम उस विचारधारा को आगे बढ़ाएं जिसमें अंग्रेजों से 60 रुपये पेंशन लेकर स्वतंत्रता सेनानियों की मुखबरी की गई थी।’
दरअसल, नितिन गडकरी शनिवार (17 जून) को नागपुर में सावरकर पर आधारिक एक किताब के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “सावरकर का कहना था कि हिंदुत्व सर्व समावेशी है। ये जातिवाद और सांप्रदायिकता से मुक्त है। सावरकर एक समाज सुधारक थे और वो हमारे लिए आदर्श की तरह हैं। यह दुखद है कि डॉ. हेडगेवार और सावरकर के चैप्टर्स को स्कूली पाठ्यक्रम से हटाया जा रहा है और इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं है।” उन्होंने ये भी कहा था कि सावरकर को जाने बिना किसी को उनकी आलोचना नहीं करनी चाहिए।
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