Interim Budget 2024: Income Tax को लेकर क्या कहा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने, जानें यहां

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Interim Budget 2024 : भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी गुरुवार (1 फरवरी, 2024) के दिन संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने भाषण में केंद्र सरकार के पिछले एक दशक के कार्यकाल की उपलाधियों का जिक्र किया। इस अंतरिम बजट में महिलाओं के लिए बनाई योजनाओं (जैसे लखपति दीदी योजना को बढ़ावा) को अपडेट करने की बात कही गई। भारतीय रेल में यात्रियों की सुविधा के लिए कार्य, शिक्षा, स्वास्थ्या और आवास जैसे मोर्चों पर सरकार ने इस अंतरिम बजट में कई बड़े ऐलान किए। हालांकि, इस अंतरिम बजट में आम जनता को टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई। टैक्स कलेक्शन का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने बताया है कि पिछले 10 सालों में टैक्स कलेक्शन दोगुना हो चुका है। उन्होंने आगे कहा कि काफी पुराने टैक्स मामलों को सरकार वापस लेगी। इनकम टैक्स स्लैब में कोई भी बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। यानी कि आप लोग जिस रेट पर टैक्स पे कर रहे हैं आपको उसी दर से इनकम टैक्स देना होगा।

इसके अलावा, संसद में दिए अपने भाषण में वित्त मंत्री ने कहा, ‘राजस्व घाटे का टार्गेट बजट अनुमान के 5.9 फीसदी की तुलना में 5.8 फीसदी आंका गया है।’ इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि एक्सपोर्ट ड्यूटीज सहित डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स के लिए पिछली टैक्स दरें ही फिलहाल बरकरार रहेंगी।

‘जुलाई में हमारी सरकार पूर्ण बजट में विकसित भारत के लक्ष्य का विस्तृत रोडमैप लाएगी’ – निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री ने कहा है कि जुलाई 2024 (लोकसभा चुनावों के बाद) में जब पूर्ण बजट पेश किया जाएगा तो बीजेपी सरकार ‘विकसित भारत के लक्ष्य का विस्तृत रोडमैप’ लाएगी।

बता दें कि चुनावी साल होने के चलते आज पूर्ण बजट की जगह अंतरिम बजट पेश हुआ है। वित्त मंत्री सीतारमण का ये पहला अंतरिम बजट है। निर्मला सीतारमण 6वीं बार देश का बजट पेश किया है।

मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब में कितना टैक्स देना पड़ता है?

मौजूदा समय में, भारत में दो इनकम टैक्स रिजीम लागू हैं। जिन्हें, पुरानी कर प्रणाली (ओल्ड टैक्स रिजीम) और नई कर प्रणाली (न्यू टैक्स रिजीम) कहा जाता है। जहां, ओल्ड टैक्स रीजीम में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई भी टैक्स नहीं चुकाना होता, वहीं न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं है। जबकि, दूसरे स्लैब में 2.5 लाख से 3 लाख तक की सालाना इनकम पर ओल्ड टैक्स रिजीम में 5 फीसदी टैक्स लगता है। 3 से 5 लाख रुपये तक की सालाना आय है तो ओल्ड और न्यू दोनों टैक्स रिजीम में 5 फीसदी टैक्स लगता है। 5 लाख से 6 लाख तक की सालाना इनकम पर ओल्ड में 20 फीसदी तो न्यू टैक्स रिजीम में 5 फीसदी टैक्स लगता है। 6 से 9 लाख के बीच आपकी इनकम है, तो न्यू टैक्स रिजीम में टॅक्सपेयर को 10 फीसदी और ओल्ड में 20 फीसदी टैक्स देना पड़ सकता है।

बता दें कि ओल्ड टैक्स रीजीम में अगर व्यक्ति की सालाना आय शून्य से 5 लाख रुपये तक है तो इनकम टैक्स के सेक्शन 87A के तहत पूर्ण टैक्स रिबेट (अधिकतम 12,500 रुपये) दिया जा सकता है। वहीं, न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख तक की सालाना इनकम पर सेक्शन 87A के तहत पूर्ण टैक्स रिबेट दिया जा सकता है। रिबेट के लिए व्यक्ति की सालाना इनकम की गणना सभी डिडक्शन्स के बाद की जाती है।

9 लाख से 10 लाख रुपये के बीच अगर व्यक्ति की सालाना आय है तो न्यू टैक्स रिजीम में 15 फीसदी और ओल्ड में 20 फीसदी टैक्स लगता है। 10 से 12 लाख रुपये आपकी इनकम है तो न्यूज रिजीम में 15 फीसदी और ओल्ड में 30 फीसदी टैक्स लगता है। 12 से 15 लाख रुपये के बीच सालाना आय है तो न्यू टैक्स रिजीम में 20 फीसदी और ओल्ड में 30 फीसदी टैक्स लगता है। अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 15 लाख रुपये से अधिक है, तो न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम, दोनों में ही 30 फीसदी टैक्स लगता है।

Image Source : Getty Images

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