भारतीय वायुसेना का एक लड़ाकू विमान सुखोई-30 रडार से संपर्क टूट जाने के बाद  लापता हो गया है। वायु सेना से मिली जानकारी के मुताबिक, विमान ने असम के तेजपुर से नियमित प्रशिक्षण के लिए उड़ान भरी थी। हवाई अड्डे से करीब 60 किलोमीटर उत्तर दिशा की तरफ पहुंचने के साथ ही विमान का रडार एवं रेडियो से संपर्क टूट गया।

इसके बाद से विमान के बारे में कोई सुराग नहीं मिला। तेजपुर भारत-चीन बॉर्डर के पास है। वायुसेना ने विमान को खोजने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। अब तक विमान का कुछ पता नहीं चला है।

रूस से खरीदा गया सुखोई विमान वायुसेना की अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों में से एक है। गौरतलब है कि भारतीय सेना में करीब 240 सुखोई विमान हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सात साल में 8 सुखोई विमान हादसे के शिकार हो चुके हैं।

करीब 358 करोड़ रुपए की लागत वाला यह विमान 4.5 जेनरेशन का विमान है और इस समय दुनिया के श्रेष्ठ लड़ाकू विमानों की श्रेणी में शामिल है। भारत की रक्षा जरूरतों के लिहाज से सुखोई विमान काफी अहम है। यह सभी मौसमों में उड़ान भर सकता है।

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