अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर हुई बैठक में भारत, रूस तथा चीन ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्ति की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 12 साल में पहली बार यहां भारत-रूस-चीन त्रिपक्षीय वार्ता हुई। इससे पहले तीनों देशों के बीच 2006 में बैठक हुई थी। विदेश सचिव विजय गोखले ने तीनों नेताओं की बैठक के बाद इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा, “तीनों नेताओं के बीच बहुत सकारात्मक तथा गर्मजोशी के साथ बैठक हुई। तीनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि वैश्विक शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करना उनके लिए महत्वपूर्ण है। इस दौरान तीनों नेताओं द्वारा व्यक्त की गई भावना और विचार बहुत समान थे।” उन्होंने कहा, “तीनों नेताओं ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक क्षेत्र में मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की तथा इस बात पर सहमत हुए कि साथ मिलकर क्षेत्रीय संकट के निदान के लिए शांति और स्थिरता को बढ़ाने का काम कर सकते हैं।”

विदेश सचिव ने कहा कि तीनों नेता इस बात पर भी सहमत हुए कि वे आपदा के समय में साथ मिलकर काम करेंगे तथा किसी देश की भावना के खिलाफ काम नहीं करेंगे, लेकिन यह इस बात पर आधारित होना चाहिए कि तीनों देश विश्व की भलाई के लिए अपनी भूमिका का निर्वाह कैसे कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि तीनों नेताओं ने यह महसूस किया कि बैठक लाभदायक है और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों से इतर इस तरह की बैठक होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन भाषण में कहा कि हमारा उदेश्य सतत विकास है। उन्होंने कहा, “ ऐसे अंतरराष्ट्रीय वातावरण में अच्छी बात यह है कि दुनिया की एक तिहाई आबादी वाले देश भारत, रूस तथा चीन को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीनों देशों की यह जिम्मेदारी है कि वे बहुपक्षीय संस्थाओं को मजबूत करने तथा अंतरराष्ट्रीय राजनीति के सिद्धांतों के सम्मान को सुनिश्चित करें। यह बैठक 12 साल बाद हो रही है। इसलिए मैं रूसी नेता श्री पुतिन को धन्यवाद देता है, जिन्होंने इसे फिर से कराने की पहल की है।”

मोदी ने कहा, “तीनों देशों को चार प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए। पहला क्षेत्रीय तथा वैश्विक स्थिरता, आर्थिक सौहार्द, परस्पर लाभ के लिए अपने अनुभवों को साझा करना तथा नयी चुनौतियों से निपटने के लिए तत्पर रहना।

पीएम मोदी की राष्ट्रपति ट्रंप और शिंजो आबे के साथ बैठक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अर्जेंटिना के ब्यूनस आयर्स में जी 20 शिखर सम्मेलन से इतर शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिजों आबे के साथ बैठक की। उन्होंने इस बैठक के- ‘जय’ (इसे हिंदी में विजय या जीत बताया जाता है) बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने ये बात बैठक से पहले कही। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी इस बैठक पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीटर पर लिखा- “हिंद प्रशांत क्षेत्र, समुद्री और संपर्क के मुद्दे पर अपने विचार साझा किए।”

व्हाइट हाउस ने इस बैठक के बारे में जारी एक बयान में बताया- अपने सहयोगी जापान और रक्षा साझेदार भारत के साथ अमेरिका ने सामान्य लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित विशेष संबंध साझा किए। इसमें कहा गया- “तीन नेताओं ने वैश्विक स्थायित्व और समृद्धि के लिए खुले एवं मुक्त हिंद प्रशांत विज़न के महत्व को दोहराते हुए तीनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।” पीएम मोदी ने कहा कि तीनों देश वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थायित्व के लिए बड़ी भूमिका निभाएंगे। दोनों ही देश हमारे सामरिक साझेदार हैं और अच्छे दोस्त भी। उनकी तरफ से बोली गई हिंदी भाषा का इंटरप्रेटर की ओर से ट्रांसलेट किया गया।

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