Gyanvapi Mosque Case: देश 12 सितंबर यानी सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में याचिका की सुनवाई पर जिला अदालत के आदेश का इंतजार कर रहा है। जिला जज एके विश्वेश ने पिछले महीने मामले में फैसला 12 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने रविवार को कहा कि वाराणसी कमिश्नरेट में निषेधाज्ञा जारी कर दी गई है और अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में धार्मिक नेताओं से बातचीत करने को कहा गया है ताकि शांति बनी रहे।
उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे शहर को सेक्टरों में बांटा गया है, जिन्हें जरूरत के मुताबिक पुलिस बल आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च और पैदल मार्च करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। जिले के सीमावर्ती इलाकों, होटलों और गेस्ट हाउसों में चेकिंग तेज कर दी गई है, वहीं सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है।
Gyanvapi Mosque Case: कोर्ट में क्या है विवादित मामला?
बता दें कि 5 महिलाओं ने याचिका दायर कर हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति मांगी थी, जिनकी मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है और उसने याचिका की सुनवाई पर सवाल उठाया है। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा था कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था।
16 मई को सर्वे का काम हुआ था पूरा
शीर्ष अदालत के आदेश के बाद जिला अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है। इससे पहले, एक निचली अदालत ने परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण का आदेश दिया था। 16 मई को सर्वे का काम पूरा हुआ और 19 मई को कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई। बाद में हिंदू पक्ष ने लोअर कोर्ट में दावा किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग मिला था लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध किया था।
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