Election Laws bill 2021 लोकसभा (Loksabha) से सोमवार को पारित हो गया। यह विधेयक चुनावी पंजीकरण अधिकारियों को मतदाता के रूप में पंजीकरण करने वाले लोगों की आधार कार्ड संख्या प्राप्त करने की अनुमति देता है। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह चुनाव सुधार के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। हालांकि विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं।
इस Election Laws bill 2021 के क्या हैं प्रावधान?
- इसके तहत वोटर आईडी-आधार कार्ड से लिंक होंगे।
- हर साल 4 बार लोग वोटर लिस्ट में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
- यह व्यवस्था जेंडर न्यूट्रल होगी
- इस कानून बनने के बाद Election commission किसी भी संस्था या परिसर का चुनाव कार्य के लिए अधिग्रहण कर सकता है।
विपक्ष क्यों कर रहा है विरोध?
- विपक्षी दलों का कहना है कि इस कानून से प्राइवेसी को खतरा है।
- कांग्रेस नेता शशि थरूर का कहना है कि जिनके पास नागरिकता नहीं, वो भी इस कानून के आने के बाद वोटर बन जाएंगे।
- कई विपक्षी नेताओं का कहना है कि इस कानून से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा जिसमें निजता के अधिकार की सुरक्षा की बात कही गयी थी।
BJP ने साधा निशाना
Election Laws bill 2021 पर भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कांग्रेस, राजद और तृणमूल कांग्रेस के लोग बोगस मतदाता सूची के बल पर चुनाव जीतकर आते रहे हैं। अब इन लोगों को डर है कि आधार से जोड़ दिया गया तो एक आदमी का नाम एक ही जगह रह पाएगा और हज़ारों बोगस लोगों का नाम हट जाएगा।
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