देश में हवाई सफर को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार 1 दिसंबर को डिजी यात्रा (Digi Yatra) नामक सुविधा को लॉन्च कर दिया है. अब आपको एयरपोर्ट (Airport) में दाखिल होने के लिए कागज दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब टिकट बुकिंग के कागज की जगह आपका चेहरा ही आपका पहचान पत्र और बोर्डिंग पास होगा.
इस सुविधा को दिल्ली एयरपोर्ट से शुरू किया गया है, जहां यात्रियों को एयरपोर्ट में दाखिल होने के लिए चेहरा पहचान प्रणाली (Facial Recognition Technology) का इस्तेमाल किया जाएगा.
केंद्रीय विमानन मंत्रालय के Digi Yatra प्रोजेक्ट को पहले चरण में घरेलू विमानों के लिए सात एयरपोर्ट पर शुरू करने की योजना है. हालांकि, आज इसे देश के तीन प्रमुख एयरपोर्ट- दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी पर ही लांच किया गया है. मार्च 2023 तक इस फीचर को हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा एयरपोर्ट पर भी लागू कर दिया जाएगा.
Digi Yatra से सफर होगा आसान
Digi Yatra एक फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक है जो हवाई यात्रियों के लिए बोर्डिंग की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाती है. डिजी यात्रा में एयरपोर्ट पर यात्रियों की कागज रहित (Paperless) एंट्री होगी और यात्रियों का डेटा कई सुरक्षा मानको के बीच, जिसमें सिक्योरिटी चेक एरिया भी शामिल है, फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम के जरिए ऑटोमैटिकली प्रोसेस किया जा सकेगा.
पहले किन देशों में होता है इस तकनीक का इस्तेमाल?
डिजी यात्रा के साथ, भारत अब लंदन के हीथ्रो और संयुक्त राज्य अमेरिका के अटलांटा जैसे विश्व स्तरीय हवाई अड्डों की श्रेणी में आ गया है. डिजी यात्रा के फायदों के बारे में बताते हुए विमानन मंत्री ने दुबई हवाईअड्डे का उदाहरण देते हुए कहा कि दुबई में इस प्रौद्योगिकी के कारण यात्रियों के समय में 40 फीसदी तक की बचत होती है. इसी तरह की तकनीक ने अटलांटा हवाई अड्डे पर नौ मिनट प्रति विमान समय की बचत की है.
कैसे काम करेगी Digi Yatra?
एंट्री प्वाइंट ई-गेट पर यात्री का बोर्डिंग पास या ई-टिकट (प्रिंट या मोबाइल में सॉफ्ट कॉपी) को स्कैन करेगा बार कोड / QR कोड को स्कैन करके सिस्टम यात्री की सारी जानकारी के साथ साथ फ्लाइट की सारी जानकारी को जांचेगा. इसके बाद Digi Yatra ID फेस रिकॉग्निशन के जरिए दी गई जानकारी वेरिफाई होगी, जिसके बाद जब Digi Yatra ID और टिकट की जांच पूरी हो जाएगी तो ई-गेट खुल जाएगा.
एक बार ये प्रोसेस पूरा हो जाने का बाद पूरी यात्रा के दौरान फेशियल रिकॉग्निशन के जरिए यात्री ई-गेट के जरिए सिक्योरिटी एरिया और विमान में बोर्डिंग कर सकेगा यात्री को हर चेक प्वाइंट पर बोर्डिंग पास या पहचान पत्र दिखाने की जरूरत नहीं होगी. इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ये होगा इससे यात्रियों के समय की बचत होगी, एयरलाइंस को एयरपोर्ट पर यात्रियों के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी.
Digi Yatra के लिए क्या करना होगा?
यदि कोई भी इस सुविधा का फायदा उठाना चाहता है तो उसे Digi Yatra ऐप को डाउनलोड करना होगा और रजिस्ट्रेशन करना होगा. इस ऐप पर यात्री की फोटो के जरिए एक बार आधार आधारित अपना पंजीकरण कराना होगा. अगले स्टेप में बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा जिसके बाद आपकी यात्रा से जुड़ी हुई सारी जानकारियां एयरपोर्ट के साथ साझा कर दी जाएंगी.
क्या होती है फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक? (Facial Recognition Technology)
चेहरा पहचान सिस्टम एक बायोमेट्रिक तकनीक है जो किसी व्यक्ति की पहचान और व्यक्तियों के बीच अंतर करने के लिये चेहरे की विशिष्ट विशेषताओं का उपयोग करती है. लगभग छह दशकों में स्किन पैटर्न को पहचानने से लेकर चेहरे की 3D आकृति को बनाने तक को लेकर यह प्रणाली कई मायनों में विकसित हुई है.
ऑटोमेटेड चेहरा पहचान सिस्टम (Automated Facial Recognition System- AFRS) व्यक्तियों के चेहरों की छवियों और वीडियो के व्यापक डेटाबेस के आधार पर काम करती है. इसमें मौजूद डेटाबेस में उपलब्ध छवियों से मिलान करके व्यक्ति की पहचान की जाती है. सीसीटीवी फुटेज (किसी भी परिसर में लगे हुए कैमरे से ली गई तस्वीरें या वीडियो फुटेज) से प्राप्त अज्ञात व्यक्ति के चेहरे के पैटर्न को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की सहायता से डेटाबेस में उपलब्ध पैटर्न से की जाती है.