राज्‍यसभा में पास हुआ Delhi Service Bill, 131-102 का रहा मुकाबला, INDIA गठबंधन को शिकस्‍त

Delhi Service Bill: उम्‍मीद की जा रही थी, कि बिल का विरोध कर रहे विपक्ष को 108 के करीब वोट मिल सकते हैं।बावजूद इसके उन्‍हें केवल 102 सदस्‍यों का ही समर्थन प्राप्‍त हो सका।

0
75
Delhi Service Bill in Rajyasabha ki news today
Delhi Service Bill

Delhi Service Bill: दिल्‍ली सेवा बिल लोकसभा के बाद सोमवार को राज्‍यसभा में भी पास हो गया। इस दौरान करीब 7 घंटे से भी ज्‍यादा समय तक चली चर्चा के बाद वोटिंग के आधार पर मुकाबला 131-102 का रहा।
इस बाबत संसद में पहली परीक्षा का सामना कर रहे INDIA गठबंधन को पहले मुकाबले में शिकस्‍त मिली। दूसरी तरफ राज्‍यसभा में सियासी साथियों का समर्थन पाकर सरकार ने बिल पास करवा लिया।

Delhi Service Bill big breaking news
दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल।

Delhi Service Bill: 102 सदस्‍यों का ही समर्थन

Delhi Service Bill: जहां एक तरफ उम्‍मीद की जा रही थी, कि बिल का विरोध कर रहे विपक्ष को 108 के करीब वोट मिल सकते हैं।बावजूद इसके उन्‍हें केवल 102 सदस्‍यों का ही समर्थन प्राप्‍त हो सका।दूसरी तरफ पूर्वानुमान ये भी लगाया गया था कि सरकार के समर्थन में 128 या 129 सांसद वोट डाल सकते हैं, लेकिन अंतिम नतीजा 131 पर पहुंच गया। वर्तमान में राज्‍यसभा में सदस्‍यों की संख्‍या 238 है और 7 पद रिक्‍त हैं।

Delhi Service Bill: दिल्‍ली बिल के खिलाफ वोटिंग

Delhi Service Bill: राज्‍यसभा में नव गठित INDIA गठबंधन ने दिल्‍ली बिल के खिलाफ वोटिंग की। यहां बिल पेश होने से पहले ही कहा जा रहा था कि दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी सांसदों के साथ ही 70 से ज्‍यादा सदस्‍यों का समर्थन हासिल कर चुके थे।इस दौरान उसमें कांग्रेस के आंकड़े शामिल नहीं थे, लेकिन सोमवार के मतदान में कांग्रेस दिल्‍ली बिल के विरोध में दिखी।

Delhi Service Bill: ऐसे समझें आंकड़ा

कांग्रेस 31 , ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस 13, आम आदमी पार्टी 10, द्रविड़ मुनेत्र कझगम 10, भारत राष्‍ट्र समिति 7, राष्‍ट्रीय जनता दल 6, सीपीएम 5, राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 4, समाजवादी पार्टी 3, शिवसेना यूबीटी 3, सीपीआई 2, झारखंड मुक्ति मोर्चा 2, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग 1, राष्‍ट्रीय लोक दल 1, जनता दल यूनाइटेड 5 सभी दिल्‍ली बिल के विरोध में नजर आए।

इसके साथ-साथ हनुमान बेनीवाल की राष्‍ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने इस बिल का विरोध जताया। ध्‍यान योग्‍य है कि इस दौरान बसपा , जनता दल सेक्‍युलर वोटिंग से दूर रहे।शिरोमणि अकाली दल ने बिल को लेकर दोनों ही पक्षों पर हमला किया।

जानिए क्‍या है दिल्‍ली सर्विस बिल?

इस विधेयक में दिल्‍ली में समूह ए के अधिकारियों के स्‍थानांतरण एवं पदस्‍थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्‍यादेश का स्‍थान लेगा। इसके जरिये केंद्र सरकार को दिल्‍ली में अधिकारियों के तबादले, नियुक्‍ति और निगरानी समेत कई अधिकार मिल जाएंगे।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here