Lal Quila पर मालिकाना हक के मामले में बहादुर शाह जफर की पौत्र वधू की अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट ने की खारिज

0
316
lal quila
lal quila

Lal Quila: लाल किले (Lal Quila) पर मालिकाना हक के मामले में अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर की पौत्र वधू सुल्ताना बेगम की मालिकाना हक देने की मांग वाली अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।हाईकोर्ट ने इस याचिका को दाखिल करने में हुई देरी के आधार पर अर्जी खारिज करते हुए कहा कि याची को अर्जी दाखिल करने में हुई देरी के पीछे का कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि याचिका दाखिल करने में देरी क्यों हुई?

Lal Quila पर दावे के लिए याचिकाकर्ता के पूर्वजों ने कुछ क्यों नहीं किया?

Delhi High Court said to hide the identity of accused in sexual harassment cases
Delhi High Court

साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जब सुल्ताना के पूर्वजों ने लाल किले पर दावे के लिए कुछ नहीं किया तो अब अदालत क्या कर सकती है? हालांकि हाईकोर्ट ने याचिका की मेरिट पर विचार नहीं किया था। दरअसल अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर की पौत्र वधु सुल्ताना बेगम ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर लाल किले पर अपने अधिकार का दावा करते हुए अपनी अर्जी में कहा था कि 1857 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने ज़बरदस्ती लाल किले को अपने कब्जे में लिया था।

इस याचिका की सुनवाई कर रहीं जस्टिस रेखा पल्ली ने पूछा कि अदालत का रुख करने में बहादुर शाह जफर के वंशजों को 150 साल कैसे लग गए? जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा, ”मेरा इतिहास ज्ञान काफी कमजोर है, लेकिन आपका दावा है कि 1857 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने आपके साथ अन्याय किया था। फिर भी 150 वर्षों से अधिक की देरी क्यों है? इतने साल आपने कहां लगा दिए?”

कोर्ट ने आगे टिप्पणी की करते हुए कहा कि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं है कि याचिकाकर्ता का अंतिम मुगल सम्राट से संबंध था।

Lal Quila का संक्षिप्त इतिहास

Lal Quila का निर्माण पांचवें मुगल शासक शाहजहां ने करवाया था। किले का निर्माण 1648 ईसवीं तक करीब 10 साल तक चला। यह शानदार किला दिल्ली के केंद्र में यमुना नदी के तट पर स्थित है, जो कि तीनों तरफ से यमुना नदी से घिरा हुआ है। 18वीं सदी में अंग्रेजों ने लाल किले पर अपना कब्जा जमा लिया। भारत की आजादी के बाद सबसे पहले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराकर देश के नाम संदेश दिया था। इसे 2007 में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था।

संबंधित खबरें…

Delhi High Court ने तस्करी से किशोरों और छात्रों में बढ़ते मादक पदार्थों की लत पर चिंता जताते हुए आरोपी की जमानत खारिज की

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here