Corona Vaccine के क्लीनिकल डेटा की मांग पर कोर्ट ने केंद्र के जवाब दाखिल करने तक सुनवाई करने से किया इंकार

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Corona Vaccine के क्लीनिकल डेटा की मांग के मामले में आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कई राज्य हैं जिन्होंने टीकाकरण न कराने वालों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। जस्टिस नागेश्वर राव ने कहा कि क्या ऐसा कोई आदेश सरकारों की तरफ से दिया गया है और अगर ऐसा है तो आदेश को चुनौती दे सकते हैं।

केंद्र के जवाब दाखिल करने तक नहीं हो सकती सुनवाई

भूषण ने कहा कि फिलहाल केंद्र ने एक RTI के जवाब में यह जानकारी दी है कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। हालांकि हमारे पास एमपी,दिल्ली,महाराष्ट्र द्वारा जारी आदेश मिल गए हैं और हमने उन्हें जमा कर दिया है। जस्टिस राव ने कहा कि अभी तक केंद्र ने अपना जवाब नहीं दाखिल किया है। इसलिए सुनवाई नहीं कर सकते। यदि राज्यों द्वारा जारी आदेशों को चुनौती देना चाहते हैं तो दे सकते हैं।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर आप किसी राज्य के आदेश को चुनौती देंगे तो संघीय ढांचे के इतर हम बिना राज्य को सुने रद्द कर देंगे? वहीं केंद्र सरकार की तरफ से SG ने कहा कि कुछ लोगों के निहित स्वार्थ के लिए दाखिल ऐसी याचिकाओं द्वारा टीकाकरण प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है। यहां तक कि कोई ओरल ऑब्जरवेशन भी नुकसानदायक हो सकती है।

जस्टिस राव ने कहा कि इसलिए हमने कहा कि आप कुछ विशिष्ट हो तो उस पर सुनवाई की जाए। हम भी नहीं चाहेंगे कि टीकाकरण को लेकर कोई समस्या हो, फिर भी अगर कोई मामला आए तो उसको सुनना होगा। सुप्रीम कोर्ट में 13 जनवरी को होगी अगली सुनवाई होगी।

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