तीनों कृषि कानूनों (3 Farm Law) की वापसी की घोषणा हो गई है। किसानों से पीएम मोदी (PM Modi) ने खेतों में लौटने का आग्रह किया है। इस मामले पर आज संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) की 9 सदस्यीय कमेटी अहम बैठक करेगी। बैठक सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर होने वाली है। बैठक में किसानों के भविष्य को लेकर बड़ा फैसला होने वाला है। साथ ही यह भी तय हो जाएगा कि किसान बॉर्डर को कब खाली करने वाले हैं।
Rakesh Singh Tikait ने कहा PM को इतना मीठा नहीं होना चाहिए
किसानों की तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग सरकार ने मान ली है। 19 नवंबर को गुरुनानक जयंती पर देश के प्रधानमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि शायद हमारी तपस्या मे कोई कमी रह गई थी। हम किसानों को इस कानून को समझा नहीं पाए। हमारी सरकार ने कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। बिल की वापसी की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने किसानों को खेतों और अपने परिवार के बीच लौटन के लिए आग्रह किया है।
पीएम मोदी के अग्रह पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत ने साफ कर दिया है कि वे बिल वापसी तक घर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि घोषणा सरकारी टीवी चैनल के द्वारा हुई है। अगर बिल को लेकर बात करनी पड़ी तो किस से बात करेंगे। इसलिए घर वापसी को लेकर भारतीय किसान यूनियन फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इनता मीठा भी नहीं होना चाहिए। 750 किसानों की मौत हुई है। 10 हजार लोगों पर मुकदमें हुए हैं। कैसे घर लौट जाएं।
PM Modi की मनसा पर सवाल
जाहिर है तीनों कृषि कानूनों की अचानक वापसी की घोषणा पर विपक्षी दल पीएम मोदी की मनसा पर सवाल खड़ें कर रहे हैं। घोषण के फौरन बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम की नियत पर सवाल उठया था। उन्होंने कहा था आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख़ पर विश्वास करना मुश्किल है।
वहीं समाजवादी पार्टी ने बिल वापसी पर विधानसभा चुनाव के लिए नया नारा ही तैयार कर दिया है। जो कि कुछ इस प्रकार है, साफ नहीं है इनका दिल, चुनाव के बाद फिर लाएंगे बिल।
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