Monkeypox Case in India: अभी लोग कोरोना जैसी महामारी से उभर भी नहीं पाए कि मंकीपॉक्स के केस देश में सामने आने लगे हैं। भारत सहित अब तक 75 देशों में वायरस की पुष्टि हो चुकी है। भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को सामने आया था। अब तक भारत में कुल मंकीपॉक्स के 4 मरीज सामने आ चुके हैं। जिसमें से 3 मरीज केरल से और 1 मरीज दिल्ली से सामने आया है।
केंद्र सरकार ने रविवार को हाई लेवल मीटिंग की थी। WHO ने मौजूदा हालात को देखते हुए मंकीपॉक्स को लेकर ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दी है। साथ ही दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात से लेकर कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। एयरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग भी तेज कर दी गई है।
Monkeypox Case in India: भारत में अब तक कुल 4 मंकीपॉक्स के मरीज
भारत में मिले 4 मरीजों में 3 मरीज की ट्रेवल हिस्ट्री सामने आई थी। वहीं दिल्ली में मिले मरीज की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। फिलहाल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की 15 लैब्स में मंकीपॉक्स की टेस्टिंग हो रही है। जानकारी अनुसार गोवा की कंपनी Molbio Diagnostics मंकीपॉक्स की टेस्टिंग किट तैयार कर रही है।
साथ ही दिल्ली में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए जाने वाले मरीज को LNJP अस्पताल भेजा जाएगा। मंकीपॉक्स की जांच के लिए दिल्ली के एम्स में वायरोलॉजी लैब तैयार है। मंकीपॉक्स से मौत का खतरा कम बताया गया है। लेकिन जब किसी को निमोनिया, मेनिनजाइटिस या आंख में संक्रमण हो जाता है तो खतरा बढ़ जाता है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स, क्या है लक्षण?
यह चेचक की तरह दिखता है, लेकिन इसे चेचक नहीं कहा जा सकता। जानकारी अनुसार यह जानवरों में होने वाला वायरस है। किसी संक्रमित जानवर से यह फैल सकता है। इस बीमारी में पहले शुरुआत में स्किन में रैशेज बनता है, उसके बाद फीवर होता है, आंख लाल हो जाती है। अंत में मोटे- मोटे दाने के रूप में यह बाहर आने लगता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर जारी की गई जानकारी के अनुसार मंकीपॉक्स वायरस मरीज के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के सीधे संपर्क में आने, मरीज के इस्तेमाल किए गए कपड़ों के जरिए भी फैलता है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि जानवरों से इंसान में मंकीपॉक्स संक्रमण केवल संक्रमित जानवरों जैसे चूहे, गिलहरियां, बंदर के काटने, खरोंचने या जंगली जानवरों का मांस खाने से ही फैल सकता है।
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