Migraine: माइग्रेन यानी एक प्रकार का सिरदर्द ये मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र के विकार के कारण होता है। असामान्य जीवनशैली, खानपान और विषम काम के घंटों के चलते ये रोग बड़ी संख्या में युवाओं को अपना शिकार बना रहा है। असल में माइग्रेन (आधासीसी) सिर में बार-बार होने वाला दर्द है जो खासकर सिर के आधे हिस्से को प्रभावित करता है। माइग्रेन होने पर मतली, उल्टी और प्रकाश तथा ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता बढ़ा देता है।
इसके आक्रमण की अवधि कुछ घंटों से लेकर कई दिनों की हो सकती है। वैसे तो माइग्रेन होने के सही कारण के बारे में उतना पता नहीं है, लेकिन इस स्थिति को आनुवांशिक माना जाता है। बढ़ती गर्मी में माइग्रेन की दिक्कत और भी अधिक बढ़ रही है।
Migraine: न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से भी है माइग्रेन का संबंध
माइग्रेन का संबंध हमारे न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से भी जुड़ा हुआ है। इसका संबंध न हमारे सिर्फ दिमाग से ही नहीं गर्दन और कान से भी होता है। इसलिए ब्रेन की एमआरआई या सीटी स्कैन करवाने पर इसके असली कारण का पता चलता है। डॉक्टर्स के अनुसार माइग्रेन भी मुख्य तौर पर दो तरह के होते हैं।
क्लासिक माइग्रेन की स्थिति में बहुत सारे लक्षण ऐसे होते हैं, जो संकेत देते हैं कि आपको माइग्रेन का दौरा पड़ने वाला है, जैसे सिर दर्द की शुरुआत से पहले धुंधला दिखना, कुछ में कंधे में जकड़न व जलन के लक्षण भी देखने को मिलते हैं। क्लासिक माइग्रेन की अवस्था में रक्तवाहिनियां सिकुड़ने लगती है।
ऐसे में डॉक्टर से तुरन्त सम्पर्क करना अच्छा होता है। नॉन क्लासिक माइग्रेन में समय-समय पर सिर में तेज दर्द होता है, पर अन्य लक्षण नजर नहीं आते। ऐसे में सिर दर्द की शुरुआत के साथ ही दर्द निवारक दवा लेना आराम पहुंचाता है।
जानिये Migraine के कारण
डॉक्टरों के अनुसार Migraine दिमाग या चेहरे की रक्त वाहिनियों में हुई गड़बड़ी से होने वाला दर्द है। इसके अलावा खान-पान, वातावरण में बदलाव, तनाव में बढ़ोतरी या ज्यादा सोने से भी हो सकता है।मौजूदा समय में घंटों मोबाइल पर समय बिताने, कंप्यूटर के आगे लंबे समय तक काम करने और तनाव की वजह से माइग्रेन होता है।
Migraine: इन उपायों के जरिये किया जा सकता है माइग्रेन से बचाव
- Migraine न हो या बार-बार होने से बचने के लिए अपने जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाकर हम इसके खतरे को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
- तापमान में बदलाव से बचें जैसे अगर आप गर्मी में एयरकंडिशनर का इस्तेमाल करते हैं तो एक दम ठंडे से गर्म में न निकलें और तेज गर्मी से आकर बहुत ज्यादा ठंडा पानी न पियें।
- अगर आप गर्मी के मौसम में तेज धूप में बाहर निकल रहे हैं तो सूरज की सीधी रोशनी से खुद को बचाएं और सनग्लासेस या छाते का इस्तेमाल करें।
- गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक यात्रा करने से बचें।
- रोजाना 8 से 10 गिलास पानी जरूर पियें, वरना आपके शरीर में पान की कमी हो सकती है और डिहाइड्रेशन Migraine की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है।
- उमस वाले मौसम में ऐसी चीजें खाने से बचे जिसमें ज्यादा पसीना निकलता है जैसे-चाय, कॉफी आदि।
- रोजाना सुबह सैर पर जाएं, नंगे पांव घास पर चलें क्योंकि इससे तनाव कम होता है।
- रोजाना 30 मिनट तक योगासन या प्राणायाम जरूर करें इससे आपको लाभ होगा।इसी क्रम में ध्यान करना भी हमारे लिए काफी फायदेमंद होता है।
- माइग्रेन के मरीजों को खूब सारा तरल पदार्थ यानी सूप, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, लस्सी आदि पीना चाहिए।
- अपने भोजन में नमक का सेवन कम से कम करें। पूरे दिन भर में आधा छोटा चम्मच नमक काफी है क्योंकि ज्यादातर फूड आइटम्स में खुद ही नमक होता है।
- एल्कोहल और चॉकलेट के सेवन से भी बचें। इनसे भी सिरदर्द होता है।
- बेहद तेल-मसाले वाला खाना और उपवास भी माइग्रेन की परेशानी बढ़ाते हैं इसलिए इससे बचें।
- व्यायाम नींद को अच्छा करता है और माइग्रेन के सिरदर्द की आवृत्ति और तीव्रता को कम करता है, माइग्रेन पीड़ितों के लिए अन्दर रहकर साइकिल चलाना लाभकारी होता है।
- योग में बालासन, उत्तानासन, सेतुबंध सर्वांगासन, हलासन करना फायदेमंद होता है।
- अपनी पसंद का मधुर और कोमल संगीत चुनें, और बैठकर सुनें। साथ ही हर बार सांस निकलते समय स्वयं के शरीर को शांत करें।
Migraine: गहरी श्वास खींचे और छोड़ें
- गहरी श्वासयुक्त ध्यान शरीर में अधिक ऑक्सीजन लाकर माइग्रेन को दूर करने में सहायक होता है।
- अगर आप गर्मी के मौसम में तेज धूप में बाहर निकल रहे हैं तो सूरज की सीधी रोशनी से खुद को बचाएं और सनग्लासेस या छाते का इस्तेमाल करें।
- माइग्रेन के मरीजों को खूब सारा तरल पदार्थ यानी सूप, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, लस्सी आदि पीना चाहिए।-फल और हरी सब्जियां खूब खाएं।
- अपने भोजन में नमक का सेवन कम से कम करें। पूरे दिन भर में आधा छोटा चम्मच नमक काफी है क्योंकि ज्यादातर फूड आइटम्स में खुद ही नमक होता है।
- योग में बालासन, उत्तानासन, सेतुबंध सर्वांगासन, हलासन करना फायदेमंद होता है।
संबंधित खबरें