भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे जानने के बाद हर कोई हैरान है। जो काम विदेशी वैज्ञानिक नहीं कर पाए वो चमत्कार भारत के साइंटिस्ट ने कर दिखाया है। दुनिया में पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने डेंगू के इलाज के लिए दवा तैयार कर ली है। खुशी की बात ये है कि इस दवा की मरीजों पर की गई पायलट स्टडी भी सफल रही है। बताया जा रहा है कि 100 फीसदी आयुर्वेदिक इस दवा को 7 तरह के औषधीय पौधों से तैयार किया गया है, जिसे 2019 तक डेंगू पीड़ितों के लिए बाजार में उतारा जाएगा।

 

खबरों के मुताबिक, दवा को बाजार में उतारने से पहले ग्लोबल स्टैंडर्ड के तहत बड़े स्तर पर क्लीनिकल ट्रॉयल किए जा रहे हैं। साथ ही इस दवा का सफल परिक्षण भी किया जा चुका है। सबसे पहले इस दवा का चूहों और खरगोशों पर टेस्ट किया गया था, जिसके बाद पायलट स्टडी के तौर पर गुड़गांव के मेदांता अस्पताल, कर्नाटक के बेलगाम और कोलार मेडिकल कॉलेज में भर्ती डेंगू के 30-30 मरीजों को यह दवा दी गई। परिक्षण में सामने आया कि दवा देने के बाद मरीज के ब्लड में प्लेटलेट्स की मात्रा जरुरत के अनुसार बढ़ती गई और तो और एक भी मरीज पर किसी तरह के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं देखने को मिले।

 

इस बारे में दवा निर्माता सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेद के महानिदेशक वैद्य प्रो. केएस धिमान ने कहा, ”दुनिया में पहली बार डेंगू बीमारी के इलाज के लिए दवा विकसित की गई है। दवा तैयार करने में सीसीआरएएस के एक दर्जन से अधिक वैद्यों को दो साल से ज्यादा का वक्त लगा है। सबसे बड़ी बात है पायलट स्टडी में इस दवा के कोई साइड इफेक्ट्स सामने नहीं आए हैं। अगले साल सितंबर तक क्लीनिकल ट्रायल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद तय प्रोसिजर के तहत उस कंपनी को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की जाएगी, जो दवा को तैयार कर बाजार में लाने के लिए तैयार होगी।

 

दवा का डोज सात दिनों के लिए तय किया गया है। दिन में दो बार एक-एक टैबलेट लेनी होगी। ऐसा बताया जा रहा है कि ये दवा बहुत सस्ती होगी।

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